महोबा, जागरण संवाददाता : कबरई ब्लाक का खन्ना सर्वाधिक जल संकट ग्रस्त गांव है। रिमोट सेंसिंग टीम के सर्वे के मुताबिक यहीं एक हजार फिट गहराई तक नलकूप लगाने योग्य पानी नहीं है। बावजूद इसके ग्रामीण जलाशयों में अतिक्रमण कर मकान बना रहे हैं। इससे गांव के डार्क जोन में आने की रही सही कसर भी पूरी हो गई है। ग्राम प्रधान व सैकड़ो ग्रामीणों ने डीएम से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन कराने की गुहार लगाई है।
वर्ष 2008 में हुए रिमोट सेंसिंग टीम के सर्वे के मुताबिक खन्ना गांव में एक हजार फिट गहराई तक नलकूप लगाने योग्य पानी नहीं है। वैसे भी यह गांव पेयजल के बेहद संकट ग्रस्त गांव में शुमार किया जाता है। जलसंरक्षण के लिए जागरूकता की कमी व भारी जल संकट के बाद भी ग्रामीण कोई सबक नहीं ले रहे। भयावह जल संकट से बेखौफ ग्रामीण गांव में भूजल स्तर बनाए रखने वाले तील्हन तालाब, सोने तालाब, कलार तालाब नाम के तीन प्रमुख तालाबों में अतिक्रमण कर निर्माण कर रहे हैं। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय कई साल पहले सभी जलाशयों को कब्जा मुक्त कराने का आदेश जारी कर चुका है। अनुपालन में जिला प्रशासन ने मुख्य सचिव को जलाशयों के कब्जा मुक्त होने की रिपोर्ट भी दी थी। जमीनी सच्चाई है कि इस दिशा में कभी कोई काम किया ही नहीं गया। जिले के लगभग सभी जलाशयों में अवैध कब्जे इसका खुला प्रमाण हैं। अतिक्रमण हटवाने की तमाम कोशिश कर थक चुके गांव प्रधान राज बहादुर सिंह सहित एक सैकड़ा ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को पत्र सौंप तालाबों से अवैध कब्जे हटवाने की गुहार लगाई है।
महोबा,
जागरण संवाददाता : कबरई ब्लाक का खन्ना सर्वाधिक जल संकट ग्रस्त गांव है।
रिमोट सेंसिंग टीम के सर्वे के मुताबिक यहीं एक हजार फिट गहराई तक नलकूप
लगाने योग्य पानी नहीं है। बावजूद इसके ग्रामीण जलाशयों में अतिक्रमण कर
मकान बना रहे हैं। इससे गांव के डार्क जोन में आने की रही सही कसर भी पूरी
हो गई है। ग्राम प्रधान व सैकड़ो ग्रामीणों ने डीएम से सर्वोच्च न्यायालय के
आदेश का अनुपालन कराने की गुहार लगाई है।
वर्ष 2008 में हुए रिमोट सेंसिंग टीम के सर्वे के मुताबिक खन्ना गांव
में एक हजार फिट गहराई तक नलकूप लगाने योग्य पानी नहीं है। वैसे भी यह गांव
पेयजल के बेहद संकट ग्रस्त गांव में शुमार किया जाता है। जलसंरक्षण के लिए
जागरूकता की कमी व भारी जल संकट के बाद भी ग्रामीण कोई सबक नहीं ले रहे।
भयावह जल संकट से बेखौफ ग्रामीण गांव में भूजल स्तर बनाए रखने वाले तील्हन
तालाब, सोने तालाब, कलार तालाब नाम के तीन प्रमुख तालाबों में अतिक्रमण कर
निर्माण कर रहे हैं। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय कई साल पहले सभी
जलाशयों को कब्जा मुक्त कराने का आदेश जारी कर चुका है। अनुपालन में जिला
प्रशासन ने मुख्य सचिव को जलाशयों के कब्जा मुक्त होने की रिपोर्ट भी दी
थी। जमीनी सच्चाई है कि इस दिशा में कभी कोई काम किया ही नहीं गया। जिले के
लगभग सभी जलाशयों मेंअवैध कब्जे इसका खुला प्रमाण हैं। अतिक्रमण हटवाने
की तमाम कोशिश कर थक चुके गांव प्रधान राज बहादुर सिंह सहित एक सैकड़ा
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को पत्र सौंप तालाबों से अवैध कब्जे हटवाने की
गुहार लगाई है।
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