किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर, अफसरों के सामने ही फाड़कर जला दिए नोटिस

रेवाड़ी. जमीन अधिग्रहण के खिलाफ रेवाड़ी के पांच गांवों के
लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। मंगलवार को आपत्ति सुनने के
लिए हुडा कार्यालय में पहुंचे अधिकारियों को ग्रामीणों ने जमकर खरी-खोटी
सुनाई। ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 9 के
नोटिस फाडऩे के साथ आग के हवाले कर दिया।
 
सेक्टर 20 व 21 के लिए कालका, कोनसीवास, झांझनवास, पीवरा व मांढैया की
लगभग 300 एकड़ जमीन के अधिग्रहण को लेकर लगातार किसान विरोध करते आ रहे
हैं। किसानों के विरोध के बावजूद हाल ही में सरकार द्वारा जमीन के सेक्शन 9
के नोटिस जारी कर दिए गए। नोटिस पर आपत्तियों की सुनवाई के लिए हुडा के
एलओ सतबीर सिंह व पटवारी मंगलवार को हुडा कार्यालय में पहुंचे थे।
अधिकारियों को देखते ही ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया।
 
ग्रामीणों ने कहा कि सरकार ने नए अधिग्रहण कानून के तहत जमीनों को
लेने का वादा किया गया था लेकिन इसके बावजूद उनकी जमीनों को पुराने कानून
के तहत ही अधिग्रहित कर लिया गया। गुस्साए किसानों को देखकर हुडा के
अधिकारी मौके से खिसक गए। गुस्साए किसानों ने हुडा कार्यालय के बाहर सेक्शन
9 के नोटिस फाड़ डाले तथा उनमें आग लगा दी।  
 
अब खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा 
 
किसानों का कहना है कि हाल ही में अवार्ड प्रक्रिया पूरी होने के
बावजूद हाईकोर्ट ने गुडग़ांव में जमीन अधिग्रहण को रद्द किया है। बावल
क्षेत्र की जमीन पर स्टे दिया है। इन सब आदेशों के बावजूद सरकार बिल्डरों
को लाभ पहुंचाने के लिए ही जल्दी से जल्दी पांच गांवों की जमीन पर कब्जा
लेना चाहती है। सरकार की इस नीति के खिलाफ जनहित याचिका डालने की पूरी
तैयारी कर ली है।
 
इस धारा में बांटे जाते हैं अवार्ड

भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 4 के तहत सरकार अधिग्रहण के लिए अधिसूचना
जारी करती है। इस नोटिस के खिलाफ 5ए में आपत्तियां दर्ज होती हैं। यदि
सरकार आपत्तियों पर सहमत न हो तो धारा 6 लागू करती है। उसके बाद धारा 9 में
सरकार अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर अवार्ड राशि जारी करती है।

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