होशंगाबाद (ब्यूरो)। मौसम की मार से परेशान किसानों को मूंग की फसल से कुछ उम्मीद बंधी थी, लेकिन जिले के सिवनी-मालवा क्षेत्र के सैकड़ों किसानों को मूंग की फसल भी दगा दे गई। क्षेत्र के करीब सात हजार एकड़ रकबे की मूंग की फसल पकने की बजाय अभी तक खेतों में लहलहा रही है। किसान फसल का यह हाल देख परेशान हैं। कुछ किसानों ने मूंग में दवाई डालकर पकाने का प्रयास किया तो उसकी पैदावार पांच क्विंटल से घटकर दो क्विंटल प्रति एकड़ से भी कम हो गई। इतनी कम फसल से किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है।
यह पूरा बीज किसानों ने एक ही व्यापारी से लिया था। किसानों का आरोप है कि व्यापारी ने उन्हें 60 दिन में पकने वाली फसल के नाम पर 90 दिन में पकने वाली वैरायटी का बीज थमा दिया। इसके कारण यह हाल हो रहा है। यदि फसल जल्द नहीं पकी तो खेतों में सोयाबीन या धान की बोवनी भी नहीं हो पाएगी।
क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने बताया कि उन्होंने क्षेत्र के व्यापारी जगदीश साहू, सफी साहू से मूंग का बीज खरीदा था। व्यापारी ने क्षेत्र में करीब सात सौ क्विंटल बीज किसानों को बेचा था। मानक बोवनी के अनुसार यह बीज करीब सात हजार एकड़ रकबे में बोया गया। किसानों के अनुसार इतने रकबे में लगभग 35 हजार क्विंटल मूंग की पैदावार होनी थी। वहीं अब जो हालात बन रहे हैं उसमें 14 हजार क्विंटल मूंग पैदा होना भी मुश्किल लग रहा है। ऐसा होने पर यहां के किसानों को लगभग 11 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
कर्नाटक का बीज थमाया
किसानों ने आरोप लगाया कि व्यापारी ने उन्हें कर्नाटक की मूंग का बीज थमा दिया। बीज देते समय व्यापारी ने कहा था कि इस बीज से फसल मात्र 60 दिन में पककर तैयार हो जाएगी। लेकिन फसल 70 दिन बाद भी पकने के स्थान पर लहलहा रही है। वहीं बाजार में इस मूंग का दाम भी अन्य वैरायटी से कम है।
ये हैं प्रभावित गांव
मूंग के खराब बीज के कारण क्षेत्र के कई गांव प्रभावित हुए हैं। इनमें गाजनपुर, भमेड़ी देव, इकलानी, बघवाड़ा, जमानी, रावन पीपल, बासनिया सहित अन्य गांव शामिल हैं।