4 बस्तियों के 600 परिवार 3 महीने से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं

मुरैना। शहर के वार्ड क्रमांक दो की चार बस्तियों में रहने वाले छह सौ परिवार तीन महीने से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। लोगों ने इस मामले में कलेक्टर से शिकायत की है कि पंप पर तैनात महिला पंप अटेंडर समय पर पंप नहीं चलाती। साथ ही पंप को इतने कम समय के लिए चलाया जाता है कि वार्ड की बस्तियों में लोग पानी भी नहीं भर पाते।

वार्ड क्रमांक दो के आंनद नगर, गोटे नगर, नई बस्ती व मवाशी पुरा में पानी की सप्लाई वार्ड के पंप क्रमांक 33 से की जाती है। इन तीन बस्तियों में पाइप लाइन की दूरी जैसे-जैसे बढ़ती जाती है। वैसे-वैसे पानी का फ्लो भी कम होता जाता है और पानी यहां तक पहुंचने में उतना ही अधिक समय लगाता है। वार्ड पार्षद विनय कुमार सोलंकी सहित वार्ड के अन्य लोगों ने बताया कि पंप क्रमांक 33 पर पंप अटेंडर के तौर पर एक महिला की नियुक्ति है। यह महिला पंप अटेंडर सुबह शाम केवल दस मिनट के लिए पंप चलातीं हैं और पंप को ताला लगाकर वापस चली जाती हैं। जब तक लोगों के घरों पर पानी पहुुंचना शुरू होता है तब तक पंप ही बंद हो जाता है। लोगों ने अपने आवेद में मांग की है कि कम से कम पंप को दो से तीन घंटे चलाया जा सके।

एक हिस्से में भरने के बाद दूसरे हिस्से में होती है सप्लाई

एक ही बोर से काफी बड़े हिस्से में पेजयजल सप्लाई होने से तीनों बस्तियां बारी-बारी सवे पानी भरती हैं। पंप के नजदीक स्थित घरों में जब मोटरें चलती हैं तो आगे की बस्तियों में पानी नहीं पहुंचता। यहां की मोटरें बंद हो जाने के बाद दूसरी बस्ती पानी भरती है और फिर दूसरी बस्ती की मोटरें बंद होने के बाद आखिर में स्थित तीसरी बस्ती के लोग पानी भरते हैं।

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