रांची:
केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में झारखंड को 2.20 लाख टैप कनेक्शन
उपलब्ध कराने को कहा है. वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए यह लक्ष्य राष्ट्रीय
ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम (एनआरडीडब्ल्यूपी) के तहत झारखंड को दिया गया
है.
पेयजल और स्वच्छता विभाग की ओर से इसके लिए सभी प्रमंडलों के अधीक्षण
अभियंताओं को कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया गया है. विभाग की ओर से कहा
गया है कि वैसी ग्रामीण जलापूर्ति योजनाएं, जो पूर्ण हो गयी हैं, उनमें से
न्यूनतम एक हजार कनेक्शन संबंधित गांवों और टोलों में उपलब्ध करायी जाये.
यह पहला अवसर है, जब एनआरडीडब्ल्यूपी के तहत ग्रामीण इलाकों में अवस्थित
घरों में वाटर कनेक्शन (टैप कनेक्शन) की सुविधा दी जायेगी. मालूम हो कि
झारखंड के ग्रामीण में सरफेस वाटर पर आधारित जलापूर्ति योजनाओं की संख्या
सीमित है. सिर्फ सात फीसदी ग्रामीण लोगों को ही इन योजनाओं के तहत शुद्ध
पीने का पानी मुहैया कराया जा रहा है. गांव में रहनेवाली 93 प्रतिशत आबादी
को टय़ूबवेल से पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है.
संताल परगना पर अधिक जोर: केंद्र के निर्देश पर झारखंड सरकार ने संताल
परगना के ग्रामीण इलाकों में अधिक ध्यान केंद्रित किया है. खास कर साहेबगंज
के 58 गांव, जहां आर्सेनिक और फ्लोराइड का प्रभाव अधिक है. वहां मेगा
ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम से 46 हजार वाटर कनेक्शन उपलब्ध कराया जायेगा.
इसके अतिरिक्त गोड्डा, देवघर, पाकुड़, दुमका के ग्रामीण इलाकों में भी 20
से 25 हजार तक कनेक्शन उपलब्ध कराने का निर्देश संबंधित अधीक्षण अभियंताओं
को दिया गया है. संताल परगना के अलावा धनबाद, गिरिडीह, खूंटी, चाईबासा,
पलामू और अन्य जिलों में भी 34 हजार से अधिक वाटर कनेक्शन ग्रामीण घरों तक
देने का लक्ष्य तय किया गया है.