जिले में 2 लाख पौधों का रोपण निजी क्षेत्र में

कमल मानधन्या, सतवास। जंगलों की सुरक्षा के लिए प्रदेश शासन द्वारा आम नागरिकों और किसानों को उनकी मूलभूत सुविधा देकर जंगल की सुरक्षा की जाएगी। इससे जंगल पर भार नहीं पड़ेगा। इस योजना में जलाऊ, इमारती, फलदार, चारा प्रजाति के पौधों का रोपण होगा। इसके तहत पूरे प्रदेश में जुलाई माह में 1 करोड़ 11 लाख संबधित हितग्राही की मांग अनुसार विभिन्ना प्रजाति के पौधों का रोपण एक साथ किया जाएगा। देवास जिले में 2 लाख पौधों का रोपण निजी क्षेत्र में होगा।

ये बातें सतवास में मुख्य वन संरक्षक उज्जैन पीसी दुबे ने पुराने वनों की सुरक्षा के लिए विभाग की नई कार्ययोजना की जानकारी देते हुए कही। श्री दुबे ने बताया कि हमारा मुख्य कर्तव्य है पुराने जंगल की सुरक्षा करना। इसके लिए किसानों व आम आदमी की मूलभूत सुविधा को ध्यान में रखकर कार्ययोजना बनाई गई है। इसके तहत जंगल के बाहर किसान के खेत में शेष रही जगह, मेढ़, मकान, बाड़े के पीछे खाली स्थानों पर वन विभाग द्वारा उन्नात किस्म के पौधों का प्लांटेंशन कराया जाएगा। उक्त कार्य में किसानों और अन्य नागरिकों को निर्धारित शुल्क पर पौधे दिए जाएंगे। इस कार्य में सांसद, विधायक भी अपनी निधि देकर कार्य को बढ़ावा देंगे।

श्री दुबे ने बताया कि इस योजना के तहत देवास जिले में 2 लाख पौधों का रोपण निजी क्षेत्र में होगा। इस प्लांटेशन में फलदार पौधे जिसमें सीताफल, बहुमूल्य इमारती लकड़ी खमार सहित अनेक पौधों का रोपण होगा। उल्लेखनीय है कि खुमार गुणवत्ता युक्त इमारती लकड़ी है। प्रदेश शासन से उक्त पौधे की कटाई में किसी भी प्रकार की अनुमति, टीपी की आवश्यकता नहीं है। इन पौधों को लगाकर किसान अपनी आवश्यकता की पूर्ति के साथ अर्थलाभ भी ले सकेगा।

कृष्ण मृग जंगल में नहीं रह सकते

वन विभाग द्वारा वन समिति के माध्यम से ही अब वनों के सुधार के कार्य किए जाएंगे। ग्राम स्तर पर ही ग्राम वन समिति सह सचिव की नियुक्ति की गई है, जिसमें वन विभाग के कर्मचारी अब मात्र तकनीकी सलाहकार के बतौर कार्य करेंगे। क्षेत्र में कृष्ण मृगों की अधिकता के कारण फसल के समय इनके द्वारा नुकसान होने पर श्री दुबे ने कहा कि उक्त कृष्ण मृग जंगल में नहीं रह सकते। हमारे बीच ही इनका जीवन यापन होता है। वन्य प्राणियों के द्वारा हुए नुकसान पर राजस्व विभाग द्वारा उन्हें मुआवजा देने का प्रावधान है।

गर्मी की अधिकता से हिरणों की मौत

खातेगांव क्षेत्र में 14 हिरणों की मौत श्री दुबे भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि अधिक गर्मी और लू लगने से इनकी मौत हुई है। पोस्टमार्टम के बाद भी जांच जारी है। उक्त क्षेत्र के रहवासियों द्वारा इन हिरणों की सुरक्षा बड़े उत्साह से की जाती है। फिर भी विभागीय अमले को निर्देश दिया है कि जब तक वर्षा न हो, विभाग की ओर से 10-15 टंकी रखवा दी जाए और प्रतिदिन टैंकर से उनमें पानी भरा जाए। इस कार्य के लिए 5-6 कर्मचारियों की डयूटी के निर्देश दिए हैं।

कमल मानधन्या, सतवास।
जंगलों की सुरक्षा के लिए प्रदेश शासन द्वारा आम नागरिकोंऔर किसानों को
उनकी मूलभूत सुविधा देकर जंगल की सुरक्षा की जाएगी। इससे जंगल पर भार नहीं
पड़ेगा। इस योजना में जलाऊ, इमारती, फलदार, चारा प्रजाति के पौधों का रोपण
होगा। इसके तहत पूरे प्रदेश में जुलाई माह में 1 करोड़ 11 लाख संबधित
हितग्राही की मांग अनुसार विभिन्ना प्रजाति के पौधों का रोपण एक साथ किया
जाएगा। देवास जिले में 2 लाख पौधों का रोपण निजी क्षेत्र में होगा।

ये
बातें सतवास में मुख्य वन संरक्षक उज्जैन पीसी दुबे ने पुराने वनों की
सुरक्षा के लिए विभाग की नई कार्ययोजना की जानकारी देते हुए कही। श्री दुबे
ने बताया कि हमारा मुख्य कर्तव्य है पुराने जंगल की सुरक्षा करना। इसके
लिए किसानों व आम आदमी की मूलभूत सुविधा को ध्यान में रखकर कार्ययोजना बनाई
गई है। इसके तहत जंगल के बाहर किसान के खेत में शेष रही जगह, मेढ़, मकान,
बाड़े के पीछे खाली स्थानों पर वन विभाग द्वारा उन्नात किस्म के पौधों का
प्लांटेंशन कराया जाएगा। उक्त कार्य में किसानों और अन्य नागरिकों को
निर्धारित शुल्क पर पौधे दिए जाएंगे। इस कार्य में सांसद, विधायक भी अपनी
निधि देकर कार्य को बढ़ावा देंगे।

श्री दुबे ने बताया कि इस योजना के
तहत देवास जिले में 2 लाख पौधों का रोपण निजी क्षेत्र में होगा। इस
प्लांटेशन में फलदार पौधे जिसमें सीताफल, बहुमूल्य इमारती लकड़ी खमार सहित
अनेक पौधों का रोपण होगा। उल्लेखनीय है कि खुमार गुणवत्ता युक्त इमारती
लकड़ी है। प्रदेश शासन से उक्त पौधे की कटाई में किसी भी प्रकार की अनुमति,
टीपी की आवश्यकता नहीं है। इन पौधों को लगाकर किसान अपनी आवश्यकता की
पूर्ति के साथ अर्थलाभ भी ले सकेगा।

कृष्ण मृग जंगल में नहीं रह सकते

वन
विभाग द्वारा वन समिति के माध्यम से ही अब वनों के सुधार के कार्य किए
जाएंगे। ग्राम स्तर पर ही ग्राम वन समिति सह सचिव की नियुक्ति की गई है,
जिसमें वन विभाग के कर्मचारी अब मात्र तकनीकी सलाहकार के बतौर कार्य
करेंगे। क्षेत्र में कृष्ण मृगों की अधिकता के कारण फसल के समय इनके द्वारा
नुकसान होने पर श्री दुबे ने कहा कि उक्त कृष्ण मृग जंगल में नहीं रह
सकते। हमारे बीच ही इनका जीवन यापन होता है। वन्य प्राणियों के द्वारा हुए
नुकसान पर राजस्व विभाग द्वारा उन्हें मुआवजा देने का प्रावधान है।

गर्मी की अधिकता से हिरणों की मौत

खातेगांव
क्षेत्र में 14 हिरणों की मौत श्री दुबे भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने
बताया कि अधिक गर्मी और लू लगने से इनकी मौत हुई है। पोस्टमार्टम के बाद भी
जांच जारी है। उक्त क्षेत्र के रहवासियों द्वारा इन हिरणों की सुरक्षा बड़े
उत्साह से की जाती है। फिर भी विभागीय अमले को निर्देश दिया है कि जब तक
वर्षा न हो, विभाग की ओर से 10-15 टंकी रखवा दी जाए और प्रतिदिन टैंकर से
उनमें पानी भरा जाए। इस कार्य के लिए 5-6 कर्मचारियों की डयूटी के निर्देश
दिए हैं।

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कमल मानधन्या, सतवास।
जंगलों की सुरक्षा के लिए प्रदेश शासन द्वारा आम नागरिकों और किसानों को
उनकी मूलभूत सुविधा देकर जंगल कीसुरक्षाकी जाएगी। इससे जंगल पर भार नहीं
पड़ेगा। इस योजना में जलाऊ, इमारती, फलदार, चारा प्रजाति के पौधों का रोपण
होगा। इसके तहत पूरे प्रदेश में जुलाई माह में 1 करोड़ 11 लाख संबधित
हितग्राही की मांग अनुसार विभिन्ना प्रजाति के पौधों का रोपण एक साथ किया
जाएगा। देवास जिले में 2 लाख पौधों का रोपण निजी क्षेत्र में होगा।

ये
बातें सतवास में मुख्य वन संरक्षक उज्जैन पीसी दुबे ने पुराने वनों की
सुरक्षा के लिए विभाग की नई कार्ययोजना की जानकारी देते हुए कही। श्री दुबे
ने बताया कि हमारा मुख्य कर्तव्य है पुराने जंगल की सुरक्षा करना। इसके
लिए किसानों व आम आदमी की मूलभूत सुविधा को ध्यान में रखकर कार्ययोजना बनाई
गई है। इसके तहत जंगल के बाहर किसान के खेत में शेष रही जगह, मेढ़, मकान,
बाड़े के पीछे खाली स्थानों पर वन विभाग द्वारा उन्नात किस्म के पौधों का
प्लांटेंशन कराया जाएगा। उक्त कार्य में किसानों और अन्य नागरिकों को
निर्धारित शुल्क पर पौधे दिए जाएंगे। इस कार्य में सांसद, विधायक भी अपनी
निधि देकर कार्य को बढ़ावा देंगे।

श्री दुबे ने बताया कि इस योजना के
तहत देवास जिले में 2 लाख पौधों का रोपण निजी क्षेत्र में होगा। इस
प्लांटेशन में फलदार पौधे जिसमें सीताफल, बहुमूल्य इमारती लकड़ी खमार सहित
अनेक पौधों का रोपण होगा। उल्लेखनीय है कि खुमार गुणवत्ता युक्त इमारती
लकड़ी है। प्रदेश शासन से उक्त पौधे की कटाई में किसी भी प्रकार की अनुमति,
टीपी की आवश्यकता नहीं है। इन पौधों को लगाकर किसान अपनी आवश्यकता की
पूर्ति के साथ अर्थलाभ भी ले सकेगा।

कृष्ण मृग जंगल में नहीं रह सकते

वन
विभाग द्वारा वन समिति के माध्यम से ही अब वनों के सुधार के कार्य किए
जाएंगे। ग्राम स्तर पर ही ग्राम वन समिति सह सचिव की नियुक्ति की गई है,
जिसमें वन विभाग के कर्मचारी अब मात्र तकनीकी सलाहकार के बतौर कार्य
करेंगे। क्षेत्र में कृष्ण मृगों की अधिकता के कारण फसल के समय इनके द्वारा
नुकसान होने पर श्री दुबे ने कहा कि उक्त कृष्ण मृग जंगल में नहीं रह
सकते। हमारे बीच ही इनका जीवन यापन होता है। वन्य प्राणियों के द्वारा हुए
नुकसान पर राजस्व विभाग द्वारा उन्हें मुआवजा देने का प्रावधान है।

गर्मी की अधिकता से हिरणों की मौत

खातेगांव
क्षेत्र में 14 हिरणों की मौत श्री दुबे भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने
बताया कि अधिक गर्मी और लू लगने से इनकी मौत हुई है। पोस्टमार्टम के बाद भी
जांच जारी है। उक्त क्षेत्र के रहवासियों द्वारा इन हिरणों की सुरक्षा बड़े
उत्साह से की जाती है। फिर भी विभागीय अमले को निर्देश दिया है कि जब तक
वर्षा न हो, विभाग की ओर से 10-15 टंकी रखवा दी जाए और प्रतिदिन टैंकर से
उनमें पानी भरा जाए। इस कार्य के लिए 5-6 कर्मचारियों की डयूटी के निर्देश
दिए हैं।

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