नयी दिल्ली/ भोपाल : मध्यप्रदेश और गुजरात सरकार अपने यहां के स्कूलों
के पाठ्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीवन वृतांत शामिल नहीं
करेगी. स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने प्रधानमंत्री द्वारा आज इस संबंध
में किये गये ट्वीट पर प्रतिक्रिया में कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री
की मंशा के अनुरुप स्कूली पाठ्यक्रम में मोदी के जीवन वृतांत को शामिल नहीं
करेगी.
उन्होंने कहा कि पूर्व में राज्य सरकार ने निर्णय किया था कि मोदी का जीवन
वृतांत पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये ताकि छात्र जान सकें कि यदि जज्बा
हो, तो व्यक्ति निचले स्तर से ऊपर उठकर प्रधानमंत्री पद के स्तर तक पहुंच
सकता है. जोशी ने कहा कि हम प्रदेश में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना
चाहते हैं.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने ट्वीट में कहा
था कि उनका मानना है कि जीवित व्यक्तियों के जीवन वृतांत को स्कूली
पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया जाना चाहिए.
मोदी ने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि भारत का इतिहास देश को वर्तमान तक
लाने वाले दिग्गजों की गाथाओं से भरा पड़ा है. युवाओं को चाहिए कि वे इन
महान लोगों के बारे में पढ़ें और उनका अनुसरण करें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना जीवन वृतांत स्कूल के पाठ्यक्रम
में शामिल करने के भाजपा शासित राज्यों गुजरात और मध्यप्रदेश के कदम का आज
यह कहते हुए विरोध किया कि जीवित व्यक्तियों को स्कूल के पाठ्यक्रम का
हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए.
गुजरात में आनंदीबेन पटेल सरकार और मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार
ने मोदी का जीवन वृतांत अपने अपने राज्यों में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल
करने की बात कही थी. मोदी की टिप्पणियां इसी सिलसिले में थीं. कल गुजरात
सरकार ने कहा था कि उसने मोदी के जीवन के सभी महत्वपूर्ण अध्यायों को
प्राथमिक स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला किया था