बिहार को मिल सकता है विशेष पैकेज का तोहफा- कमलेश कुमार सिंह

पटना : केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार से अगले सौ दिनों में बिहार को
विशेष पैकेज का तोहफा मिल सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक
वित्त मंत्रालय से इस दिशा में पहल के संकेत मिल रहे हैं. प्रधानमंत्री
श्री मोदी ने इस संबंध में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को आकलन करने को
कहा है. संसद के मॉनसून सत्र के दौरान या अगले कुछ दिनों में इसकी आधिकारिक
घोषणा हो सकती है.  

मोदी सरकार के भले ही अभी तीन दिन गुजरे हों, लेकिन कुछ राज्यों की ओर
से विशेष पैकेज की मांग को लेकर दबाव बढ़ गया है. बिहार को विशेष पैकेज
देने का मसला केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. आम बजट की
तैयारियों में जुटे नये वित्त मंत्री अरुण जेटली इस संबंध में मंत्रालय के
अधिकारियों से शुरुआती आकलन करने को लेकर जल्द ही राय शुमारी कर सकते हैं.

शपथ ग्रहण से पहले खुद नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के
साथ मुलाकात में इस मसले का जिक्र किया था. मंत्रालय के सूत्रों के
अनुसार, अगले सौ दिनों में बिहार को विशेष पैकेज की घोषणा हो सकती है.
संभावना यह भी है कि अपने पहले बजट भाषण में जेटली इसका एलान कर सकते हैं.
गौरतलब है कि खुद नरेंद्र मोदी भी अपने चुनावी अभियान के दौरान बिहार के
लोगों से वादा कर चुके हैं. सूत्रों के अनुसार बिहार को करीब 50 हजार करोड़
का पैकेज मिल सकता है. योजना आयोग के नये उपाध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही
विशेष पैकेज देने प्रक्रिया में तेजी आयेगी. उधर,भाजपा के रणनीतिकार बिहार
को विशेष पैकेज देने के मसले पर शुरुआती लाभ-हानि के आकलन करने में जुट
गये हैं. 

* चिदंबरम ने भी दिये थे संकेत

तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने वर्ष 2012-13 के आर्थिक सर्वेक्षण
और 2013-14 के आम बजट भाषण में बिहार का जिक्र करते हुए पिछड़ेपन के मानक
बदलने की बात कही थी. उन्होंने कहा था, मौजूदा समय में राज्यों के पिछड़ेपन
को निर्धारित करने के लिए जनसंख्या घनत्व, अंतरराष्ट्रीय सीमा आदि जैसे
मानदंड हैं. पर, बेहतर होगा कि राष्ट्रीय औसत, प्रति व्यक्ति आय, शिक्षा और
मानव विकास सूचकांकों के आधार पर पिछड़ेपन का मानदंड तय हो. 

* रघुराम राजन कमेटी ने भी माना था पिछड़ा

पूर्ववर्ती यूपीए-2 सरकार ने राज्यों के पिछड़ेपन के आकलन के लिए
तत्कालीन आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की
थी. कमेटी ने विशेष राज्य का दर्जा देने संबंधी मानदंड को समाप्त कर
राज्यों को तीन विभिन्न श्रेणियों में बांटने की वकालत की. रिपोर्ट में
ओडि़शा और बिहार को सबसे कम विकसित राज्य करार दिया गया. कमेटी ने राज्यों
को धन उपलब्ध कराने के लिए बहुआयामी सूचकांक (एमडीआइ) की नयी प्रणाली
अपनाने का सुझाव दिया. धन आवंटन के संबंध में रिपोर्ट में सुझाव दिया गया
कि हर राज्य को विकास की जरूरत और विकास के क्षेत्र में प्रदर्शन के आधार
पर कुछ धन का सुनिश्चित आवंटन और अतिरिक्त आवंटन किया जाना चाहिए. 

– विशेष दर्जा व पैकेज पर बिहार में पहल

* सवा करोड़ लोगों के दस्तखत से तत्कालीन पीएम को सौंपा गया ज्ञापन  

* जदयू ने पटना व दिल्ली में कीथी अधिकार रैली, बाद में पूरे राज्य में संकल्प रैली

* बिहार विधानसभा व विधान परिषद द्वारा सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर केंद्र से अनुरोध  

– चुनाव के वक्त मोदी ने किया था वादा 

चुनाव प्रचार अभियान के दौरान नरेंद्र मोदी ने सूबे की कई सभाओं में
बिहार को विशेष पैकेज देने की घोषणा की थी. उन्होंने 10 अपै्रल को बिक्रम
(पटना) की सभा में कहा था, भाजपा की सरकार बनी, तो बिहार को विशेष पैकेज
मिलेगा. पिछले साल 27 अक्तूबर को पटना में हुंकार रैली में बिहार को 50
हजार करोड़ का पैकेज देने का प्रस्ताव पारित किया गया था.

* नीतीश व जीतन ने भी की है मांग 

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण के समारोह में मौजूद रहे मुख्यमंत्री जीतन
राम मांझी ने कहा था, नयी सरकार से बिहार को विशेष दर्जा संबंधी मांग
सर्वोपरि है. वहीं, पूर्व सीएम नीतीश कुमार ने भी सोमवार को फेसबुक पर कहा
था कि बिहार को केंद्र की नयी सरकार से कई अपेक्षाएं है. उन्होंने मांग की,
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा के साथ विशेष पैकेज भी मिले.

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