वाले जनरल :सेवानिवृत्त: वी के सिंह की शीर्ष प्राथमिकता पूर्वोत्तर
राज्यों में आधारभूत सुविधाएं बढाना, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध
करवाना और इन राज्यों में आर्थिक विकास को बढावा देने की होगी.सिंह ने कहा
कि सरकार क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करने की कोशिश के अलावा
सीमावर्ती इलाकों समेत पूरे पूर्वोत्तर की सडक संरचना में सुधार लाने पर
अपना ध्यान केंद्रित करेगी.
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा, ‘‘मेरे पास
पूर्वोत्तर के पूरे विकास की योजना है. हम इस क्षेत्र की समस्याओं से
निपटने के लिए पूरा प्रयास करेंगे. इस क्षेत्र में बहुत काम किया जाना
है.’’ 63 वर्षीय पूर्व सैन्य प्रमुख ने कहा कि उनके पास इस क्षेत्र की
अच्छी जानकारी है और वे बाकी देश की ही तर्ज पर यहां की प्रगति भी
सुनिश्चित कराने के लिए ईमानदारी भरे प्रयास करेंगे.
सिंह के पास पूर्वोत्तर क्षेत्र में सैन्य अधिकारी के रुप में विभिन्न
पदों पर काम करने का अनुभव है. वे पूर्वी कमांड के जनरल ऑफिसर
कमांडिंग-इन-चीफ भी रह चुके हैं, जिसके तहत उनपर पूर्वी और पूरे पूर्वोत्तर
क्षेत्र की जिम्मेदारी थी.सिंह ने कहा कि वे दिल्ली में पूर्वोत्तर के
लोगों के साथ र्दुव्यवहार की शिकायतों का हल ढूंढने की कोशिश करेंगे और
क्षेत्र में लोगों के बीच मौजूद अलग-थलग होने की भावना पर भी ध्यान
केंद्रित करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की एक अन्य प्राथमिकता युवाओं के लिए रोजगार के
अवसर पैदा करने की होगी.’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या वे अरुणाचल में
भारत-चीन सीमा के साथ के इलाकों में बेहतर अवसंरचना तैयार करने पर ज्यादा
ध्यान देंगे तो सिंह ने कहा कि पूरे क्षेत्र में अवसंरचना के विकास में आने
वाली अडचनों को दूर करना ही प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि यदि जरुरत
पडी तो कुछ इलाकों में अवसंरचनात्मक सुधार लाने के लिए सैन्य बलों के साथ
विमर्श करके कदम उठाए जाएंगे.
सिंह विदेशी और प्रवासी भारतीय मामलों के राज्यमंत्री भी हैं. उनसे जब
चीनी घुसपैठ की खबरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सीमा के
बारे में भिन्न-भिन्न ‘‘धारणाएं’’ रही हैं. गाजियाबाद लोकसभा सीट से चुनाव
जीतने वाले सिंह ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की विभिन्न
समस्याओं से निपटने के लिए उनके पास एक योजना है. उन्होंने गाजियाबाद में
लंबी बिजली-कटौती को चिंता का विषय बताया.