नयी दिल्ली : नरेन्द्र मोदी सरकार संप्रग के प्रमुख कार्यक्रम मनरेगा को
ग्रामीण इलाकों में विकास के साथ रोजगार से जोडकर इसमें फेरबदल करेगी और
नये भूमि अधिग्रहण कानून को ‘‘कडाई से’’ लागू करेगी. ग्रामीण विकास मंत्री
का आज प्रभार संभालने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि हाल
में बनाये गये भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करना तथा प्रत्येक घर को साफ
सफाई एवं पेयजल मुहैया कराने के मोदी के प्रमुख चुनावी वादे को पूरा करना
उनकी प्राथमिकता होगी.
पंचायत राज एवं स्वच्छता मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहे मुंडे ने कहा कि
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) में फेरबदल
कर गांवों का विकास सुनिश्चित किया जायेगा और ग्रामीण गरीबों को रोजगार
मुहैया कराया जायेगा. मंत्री ने मनरेगा की चर्चा करते हुए कहा, ‘‘मुझे यह
योजना पसंद आयी. यह गांवों के लिए सर्वोत्तम है. बुनियादी तौर पर लोगों को
रोजगार मिलेगा.’’
मुंडे ने ध्यान दिलाया कि संसद में इस योजना पर चर्चा में भाग लेते हुए
इसका समर्थन किया था. बहरहाल उन्होंने यह भी कहा कि इसे लागू करने में
‘‘समस्याएं’’ हैं. उन्होंने कहा, ‘‘समुचित प्रबंधन एक समस्या है, धन का
समुचित वितरण एक समस्या है. मुझे लगता है कि मनरेगा का धन गांवों के विकास
के लिए जाना चाहिए और लोगों को रोजगार मिलना चाहिए.’’