बेगूसराय : बखरी प्रखंड में खाद्य सुरक्षा योजना पूरी तरह से जमीन पर
नहीं उतर पायी है। जिससे गरीब को विगत छह माह से परेशानी का सामना करना पड़
रहा है। वर्ष 2007 के पूर्व राशन कार्ड में प्रति यूनिट के हिसाब से लाभांश
वितरण की व्यवस्था थी। इसके बाद काफी जद्दोजहद के बाद बीपीएल सूची का
निर्धारण किया गया। अंक के आधार पर लाभुकों को तीन श्रेणियों में रखा गया।
शून्य से छह अंक वालों को अंत्योदय की श्रेणी में रखकर उसे पीला कार्ड
मुहैया कराया गया। पीला कार्डधारी को माह में 14 किलोग्राम गेहूं दो रुपये
की दर से जबकि 21 किलो चावल तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से देने का
प्रावधान किया गया। वहीं सात से 13 अंक वालों के लिए लाल कार्ड निर्गत किया
गया। जिन्हे प्रति माह पांच रुपये 22 पैसे की दर से दस किलोग्राम गेहूं व
छह रुपये 78 पैसे की दर से 15 किलोग्राम चावल दिया जाता है। इन लाभुकों के
लिए प्रत्येक वर्ष जून माह से मई माह तक का कूपन दिया जाता है। परन्तु
पिछले वर्ष दिसंबर से कई माह तक का कूपन गरीबों के घर में लैप्स हो रहा है,
जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है।
पीला कार्डधारी रेखा देवी, कन्हैया झा, भूनी महतो, रामदेव शर्मा,
सुशीला देवी, गीता देवी, महेंद्र पासवान, सुरेश राम, लाल कार्डधारी पारसनाथ
मिश्र, पंकज ठाकुर, टुनटुन यादव, रामसखी देवी, तारा देवी, सुनील पासवान,
हरदेव चौधरी आदि ने बताया कि महंगाई में बाजार से 16 रुपये प्रति किलोग्राम
गेहूं व चावल 30 रुपये प्रति किलो खरीद कर खाना पड़ रहा है। जबकि कूपन पर
सस्ते में अनाज मिलता है। जिससे घर गृहस्थी चलाने में मदद मिलती थी। इधर जन
वितरण प्रणाली विक्रेताओं का कहना है कि हमलोगों से चार-चार माह का
ड्राफ्ट लगवा लिया गया है। परंतु, पैसा फंसने के बावजूद उपभोक्ताओं की
खरी-खोटी सुननी पड़ती है।