मूंग बीज वितरण में घोटाला : प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने कृषि विभाग से मांगी रिपोर्ट

चंडीगढ़। बिजाई
सीजन के बाद किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर मूंग देने के नाम पर कृषि
विभाग में हो रहे सात करोड़ रुपए के घोटाले पर कृषि विभाग के प्रिंसिपल
सेक्रेटरी रोशन लाल ने रिपोर्ट मांग ली है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के
बाद जिम्मेदारी तय की जाएगी कि आखिर गड़बड़ी कहां हुई। 
 
मामले का खुलासा होने के बाद कृषि विभाग ने बीज देने का काम बंद कर
दिया है। सूत्रों के मुताबिक बीज वापस मंगाया जा रहा है। मामले का खुलासा
कांग्रेस नेता सतपाल कौशिक की ओर से मुख्यमंत्री को लिख पत्र से हुआ। कौशिक
ने लिखा कि बिजाई का सीजन के बाद मूंग का बीज देने का कोई औचित्य नहीं,
इसमें गड़बड़ी है।

ऐसे हो रहा है खेल
 
कृषि विभाग की ओर से मूंग का 1500 क्विंटल बीज कुछ मुफ्त में तो कुछ
बीज 50 प्रतिशत सब्सिडी पर दिया जा रहा है। बिजाई का सीजन ही मार्च से 15
अप्रैल तक होता है। जो निकल गया, ऐसे में बीज की दाल ही बनेगी। दाल का रेट
100 रुपए प्रति किलोग्राम से भी ज्यादा है। ऐसे में मूंग का बीज किसानों के
पास न जाकर सौ रुपए प्रति किलोग्राम में दोबारा बाजार में पहुंच जाएगा। 
 
बीज भी महंगे दाम पर खरीदा गया  

बीज विकास निगम ने यह बीज ओपन टेंडर से 97 रुपए प्रति किलोग्राम की दर पर
खरीदा और कृषि विभाग को 100 रुपए में दिया। विभाग के एमडी रहते हुए अशोक
खेमका के समय में मूंग बीज का रेट 84 रुपए तय था, लेकिन उन्होंने 81 रुपए
में 10 हजार क्विंटल बीज खरीदा गया था। यानी तय कीमत से कम पर बीज खरीदा
था।  इस बार निगम ने बीज ही 97 रुपए प्रति किलोग्राम खरीदा। बीज विकास निगम
के एमडी बीएस दुग्गल ने बताया कि कृषि विभाग ने 3,700 क्विंटल बीज खरीद का
ऑर्डर दिया था, लेकिन 1500 क्विंटल बीज एसएस एग्रो कंपनी उत्तराखंड से
उपलब्ध हो पाया। देरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बाबत कुछ नहीं कह
सकते।

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