आने वाले दिनों में हाजिर बाजार में गेहूं की कीमतें बढ़ सकती हैं, इसकी मुख्य वजह रबी फसलों की कटाई में हुई देरी है। जानकारों का मानना है कि हाजिर बाजार में गेंहू की कीमतें 1,700 रुपए प्रति क्विंटल के स्तरों को छू सकती हैं।
क्यों बढ़ सकती हैं कीमतें
बेमौमस बारिश से मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र रबी फसल को नुकसान।
आकलन के मुताबिक बेमौसम बारिश के चलते गेहूं की फसल में 15 से 20 फीसदी की कमी आई है।
अमेरिका में गेंहू के भाव 13 महीनों के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है। इसकी मुख्य वजह सूखे की मार थी।
यूक्रेन संकट के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की कमी हो सकती है, जिसके चलते मांग बढ़ने की संभावना है।
क्या करें ट्रेडर
केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया का मानना है कि आने वाले दिनों में गेहूं के मई वायदा में तेजी देखने को मिल सकती है। ट्रेडर मई वायदे में 1,620 से 1,680 रुपए तक के लिए खरीददारी की जा सकती है। 1,520 का स्तर स्टॉपलॉस मेनटेन करें।
चना, सरसों पर भी असर
वहीं चने की बात करें तो चने की बुआई अक्टूबर से दिसंबर के बीच होती है और इसकी कटाई जनवरी से लेकर मई तक चलती है। जिसके कारण फरवरी से चने की कीमतों में गिरावट का दौर शुरु हो जाता है। ऐसे में बारिश की वजह से चने में भी तेजी देखने को मिल सकती है। हालांकि, फरवरी में जारी हुए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चने का उत्पादन रिकॉर्ड 92 लाख टन रह सकता है। वहीं सरसों के आवक का पीक सीजन फरवरी और मार्च होता है, ऐसे में बारिश और ओलावृष्टि से आवक प्रभावित होने की संभावना है।