जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : मौसम विभाग इस वर्ष मानसून कमजोर रहने की
संभावना जता रहा है, लेकिन कृषि विभाग ने इसे लेकर अभी तक कोई योजना तैयार
नहीं की है। किसान अभी भी अपने खेतों को धान की रोपाई के लिए तैयार करने
में जुटे हुए हैं। मानसून कमजोर होने के बाद किसानों को धान की फसल तैयार
करने में किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, कृषि विभाग की सलाह
की जरूरत महसूस की जा रही है।
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मौसम विभाग की तरफ से कहा गया है कि अलनीनो के चलते इस वर्ष मानसून
काफी कमजोर रहेगा। इससे खाद-बिजली, पानी सभी वस्तुओं की महंगाई बढ़ने की
उम्मीद है। इसके बावजूद किसानों ने धान की रोपाई के लिए खेतों को समतल
कराने तथा हरी खाद डालने का काम शुरू कर दिया है।
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कम बारिश से किसानों को समस्या हो सकती है। इसे लेकर कृषि विभाग को योजना तैयार करनी चाहिए और किसानों को जागरूक किया जाना चाहिए।
-कर्मवीर सिंह, मोहना
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मानसून कमजोर होने की स्थिति में किसानों को धान के बजाय दलहन और तिलहन
की बुवाई की तरफ ध्यान देना चाहिए। धान की फसल लागत के हिसाब से काफी
महंगी पड़ती है। मानसून कमजोर होने से बिजली उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ेगा और
बिजली का संकट गहरा सकता है।
-खेमचंद, साहुपुरा
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विभाग जल्द बनाएगा योजना
इस साल मानसून कमजोर रहने की आशंका को लेकर अभी तक कृषि विभाग ने कोई
योजना तैयार नहीं की है। उम्मीद है कि जल्द ही वित्तायुक्त एवं सचिव जिला
कृषि उप निदेशकों की बैठक बुलाएंगे। बैठक में जो भी योजना तैयार की जाएगी।
फिर गांवों में जाकर किसानों को जागरूक किया जाएगा। इस बार किसानों ने कपास
की तरफ ध्यान दिया है। पिछले वर्ष के मुकाबले कपास का लक्ष्य दोगुना रखा
गया है।
-मनजीत सिंह नैन, जिला कृषि उपनिदेशक, फरीदाबाद