नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव के छठे चरण के करीब पहुंचने के बीच एक नयी
अध्ययन रिपोर्ट जारी की गयी है. इसमें कहा गया है कि पिछले पांच सालों में
देश में हुए विभिन्न चुनावों में डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक धन खर्च
किया गया. इसमें से आधे से अधिक धन (75,000 करोड़ रुपये से ज्यादा)
‘बेहिसाब स्नेतों’ से आया था. सेंटर फॉर मीडिया (सीएमएस) द्वारा कराया गया
यह अध्ययन ऐसे समय में सामने आया है, जब विभिन्न राजनीतिक दल इस बार के
लोकसभा चुनाव में एक दूसरे पर काले धन का इस्तेमाल करने आरोप लगा रहे हैं.
सीएमएस के अध्यक्ष एन भास्कर राव के मुताबिक, यह एक मोटा अनुमान है. इस
भारी-भरकम राशि में से आधे से अधिक राशि काला धन है. चुनावों के लिए काले
धन का इस्तेमाल हमारे देश में सभी तरह के भ्रष्टाचारों की जननी है.
रिपोर्ट में क्या : सीएमएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि डेढ़ लाख करोड़
रुपये में से 20 प्रतिशत या 30 हजार करोड़ रुपये चालू लोकसभा चुनाव में
खर्च किये जाने का अनुमान है. इस कुल राशि का एक तिहाई या 45,000 से 50,000
करोड़ रुपये राज्यों के विधानसभा चुनावों में खर्च किये गये. करीब 30,000
करोड़ रुपये पंचायतों के चुनावों पर, 20,000 करोड़ रुपये मंडलों के लिए,
15,000 करोड़ रुपये नगर निगमों और 10,000 करोड़ रुपये जिला पर्षदों के लिए
खर्च किये गये.
रिपोर्ट में कहा गया है, लोकसभा चुनावों में मीडिया प्रचार अभियान (कुल
खर्च का 25 प्रतिशत) और सत्तारूढ़ पार्टियों द्वारा चुनाव पूर्व खर्च (कुल
खर्च का 20-25 प्रतिशत) इसका अहम हिस्सा है.’’ छोटे चुनावों में चीजें अलग
होती हैं. मीडिया पर खर्च बहुत कम होता है. मंडलों व पंचायतों में रैलियों
पर खर्च एक तरह से न के बराबर होता है.
रिपोर्ट में यह भी दावा किया कि स्थानीय चुनावों में राजनीतिक दलों
द्वारा खर्च 10 प्रतिशत से कम होता है, जबकि लोकसभा चुनाव में यह 20
प्रतिशत होता है. दूसरी ओर, लोकसभा के मामले में उम्मीदवार द्वारा पार्टी
टिकट हासिल करने के लिए बहुत अधिक धन खर्च किया जाता है.’’
आमचुनाव 2014 : 240 करोड़ नकद जब्त
0000 चालू लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने विशेष अभियान के तहत अब
तक 240 करोड़ नकद जब्त किया है. इसके अलावा 1.32 करोड़ लीटर शराब और 104
किलो हेरोइन बरामद की गयी है. इन कार्रवाइयों का मकसद मतदाताओं को लुभाने
के लिए काले धन और अन्य साधनों के इस्तेमाल को रोकना है. ताजा आधिकारिक
आंकड़ों के अनुसार, कुल 240 करोड़ रुपये जब्त किये गये हैं. इनमें 102
करोड़ आंध्र प्रदेश में, 39 करोड़ तमिलनाडु में और 20.53 करोड़ रुपये
कर्नाटक में जब्त किये गये हैं.
सबसे अधिक नकदी आंध्र से : चुनाव आयोग ने कहा है कि यह कार्रवाई विभिन्न
एजेंसियों द्वारा की गयी है. 17 अप्रैल तक, जब चुनाव का पांचवां चरण
समाप्त हुआ, चुनाव आयोग ने देश भर में 216 करोड़ से ज्यादा नकद और एक करोड़
लीटर से अधिक शराब जब्त की थी. तब तक 92 करोड़ रुपये के साथ अधिकतम नकदी
आंध्र प्रदेश से और उसके बाद 24 करोड़ रुपये महाराष्ट्र से जब्तकिये गये
थे.
आयोग की पहल : चालू लोकसभा चुनाव में काले धन का प्रयोग रोकने के लिए
चुनाव आयोग ने केंद्रीय राजस्व सेवाओं, जैसे कि आयकर, सीमा शुल्क और उत्पाद
शुल्क विभागों से, लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों और राज्य विधानसभा क्षेत्रों
में, जहां चुनाव होनेवाले हैं, अधिकारियों को तैनात किया है. सात अप्रैल
को शुरू हुआ यह चुनाव 12 मई तक चलेगा.
सॉफ्टवेयर : घृणास्पद बयान व काले धन पर रखेगा नजर
नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने चुनावी कदाचार पर लगाम लगाने के लिए एक
महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी पहल करते हुए एंड्रायड आधारित एक ऐसा सॉफ्टवेयर
तैयार किया है, जिससे आम आदमी भड़काऊ भाषण, अवैध धन एवं शराब के वितरण
संबंधी वीडियो एवं ऑडियो क्लिप आयोग की वेबसाइट पर आपलोड कर सकेंगे. यह
स्वत: ही मीडिया पोस्ट की विश्वसनीयता की पुष्टि करने में सक्षम है. पहली
बार आयोग ने यह अनोखा एंड्रायड आधारित सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जो अपलोड
किये गये क्लिप का समय, तिथि, भौगोलिक स्थिति को बतायेगा.
यह पहल आयोग की ओर से फर्जी वीडियो और फुटेज की घटनाओं पर लगाम लगाने का
प्रयास है. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अब आम आदमी राजनीतिक बैठकों या
अवैध शराब, धन का वितरण अथवा क्षेत्र में अन्य तरह के चुनावी कदाचार की
घटनाओं के संबंध में एंड्रायड फोन का उपयोग कर सकते हैं. इससे संबंधित
सॉफ्टवेयर स्वत: ही उस क्षेत्र की स्थिति, समय एवं तिथि का पता लगा लेगा और
इस तरह से चुनाव के समय में जारी होनेवाले फर्जी वीडियो की घटनाओं को कम
करने में मदद करेगा.