नमूने फेल हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम ने 16
अप्रैल को ट्रांस हिंडन विभिन्न स्थानों तथा स्कूल-कॉलेजों में पानी के
नमूने लिए थे। नमूनों की जांच की तो उसमें क्लोरिनेशन शून्य पाया गया।
सभी संस्थाओं को पानी में क्लोरिनेशन कराने की हिदायत दी गई है।
मार्च से लेकर अब तक संयुक्त टीम ने 46 स्थानों से पानी के नमूने
लिए जिनमें से 40 नमूने फेल हुए हैं। भले ही शहर के चुनिंदा स्कूल में
बच्चों का दाखिला कराकर अभिभावक वहां की सुविधाओं से नशि्चिंत हो जाते हों,
लेकिन कई स्कूलों में बच्चों को साफ पानी नहीं मिल रहा है। नगर निगम और
स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने मार्च और 16 अप्रैल को ट्रांस हिंडन के
स्कूलों में पानी के 18 नमूने लिए। सभी स्कूलों में पानी के नमूने फेल पाए
गए।
जांच के दौरान सभी स्कूलों की टंकियों में गंदगी पाई गई। किसी भी
स्कूल में पानी में क्लोरिनेशन नहीं कराया गया। इसके साथ ही टीम ने शहर के
कैला भट्टा, विजयनगर, सरायनजर अली, देहली गेट क्षेत्र से करीब 28 स्थानों
से सैंपल लिए। जिनमें से 22 फेल पाए गए। इससे साफ है कि इन क्षेत्रों में
सप्लाई होने वाने पानी में क्लोरिनेशन नहीं किया जा रहा है। इन क्षेत्रों
में कई स्थानों पर पानी में बदबू भी पाई गई। जिससे इनमें ई-कोलाई
बैक्टीरिया की जांच के लिए सैंपल लिया गया।
केवल राजनगर व कविनगर क्षेत्र ले लिए गए नमूनों में क्लोरीन की
मात्रा पाई गई। दोनों महकमों की संयुक्त टीम नमूने की जांच रिपोर्ट सीएमओ
समेत प्रशासन के अन्य अधिकारियों के पास भेजकर अपना काम पूरा कर लेती है।
यानि स्वास्थ्य विभाग का खुद मानना है कि पानी पीने योग्य नहीं है,
स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इन
स्कूल-कालेजों के नमूने हुए फेलसेंट थॉमस, सेंट फ्रासिंस, सेंट टेरेसा,
कैंम्ब्रिज स्कूल, रामकशिन वसुंधरा, डीपीएस वसुंधरा, मेवाड़ इंस्टीट्यूट,
वसुंधरा, जयपुरिया मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, रामचमेली देवी स्कूल, खोड़ा
क्लोरीन न होने से नुकसानकई प्रकार के बैक्टिरिया का पनपना, पानी में बदबू हो जाना, पानी में कीड़े पैदा हो जाना।
ई-कोलाई के नुकसानई-कोलाई बैक्टिरिया पानी की लाइन में सीवर का पानी
मिलने से पनता है। पानी के कारण होने वाली बीमारियांहैजा, पीलिया,
उल्टी-दस्त, बुखार, टायफाइड, कालरा, पेट और लविर संबंधित समस्याएं।
सभी क्षेत्रों के जेई से डोजियरों की रिपोर्ट मंगावाई जा रही है।
जहां पर व्यवस्था नहीं है वहां डोजियर लगवाकर क्लोरिनेशन की व्यवस्था की जा
रही है। जवाहर लाल, जीएम, जलकल विभाग, नगर निगम———–
हमारा काम पानी का सैंपलिंग व उसकी जांच करना है। शुद्ध पानी उपलब्ध कराना नगर निगम का कार्य है।
यदि पानी में सही प्रकार से क्लोरिनेशन हो जाए तो काफी हद तक बैक्टीरिया समाप्त हो जाते हैं। डॉ. अजेय अग्रवाल, सीएमओ, गाजियाबाद .
इस्लाम नगर में पानी को लेकर प्रदर्शनगंदे पानी की सप्लाई को लेकर
इस्लाम नगर में रहने वाले लोगों ने प्रदर्शन किया। आरडब्ल्यूए इस्लामनगर
के उपाध्यक्ष डॉ. नदीम कुरैशी का कहना है कि कई बार लिखित रूप में नगर निगम
के अधिकारियों के अवगत कराया जा चुका है लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।
इस्लाम नगर चमड़ा पैठ स्थित नलकूप सालों के खराब पड़ा है।
कमेला चौक पर निगम की ओर से लगवाया गया पंप छह माह से खराब पड़ा है।
क्षेत्र के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। जितना पानी आ रहा है वह गंदा
है।
पिछले साल लोनी में गई थीं कई जानें
,लोनी। पूरे लोनी क्षेत्र में लोग नगर पालिका द्वारा सप्लाई किए जा
रहे पानी का सेवन नहीं करते हैं। वह सिर्फ इस पानी को घर, कपड़ो, बर्तन
की साफ-सफाई व नहाने-धोने में ही प्रयोग करते हैं। दूषित जलापूर्ति के
कारण पिछले साल 29 मार्च से लेकर 7 अप्रैल के बीच प्रेमनगर कालोनी में
हसीना (55), अब्दुल जैद (3), नसीर (55), सईद (52), इकरा (6), आयशा (2),
नौशाद (14), सरफराज उर्फ मुन्ना (54), शकील (22) की मौत हो गई थी।
जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने का आश्वासन दिया मगर आज तक कुछ नहीं हुआ।
मृतक शकील की विधवा मां कादरी का कहना है कि इंसाफ के लिए वह महीनों तक
लोनी से जिला मुख्यालय तक दौड़ती रही लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की।