मुंबई. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि अगर
चुनाव बाद स्थिर सरकार बनी तो अगले 5 वर्षों के दौरान देश की आर्थिक विकास
दर औसतन 6.5 प्रतिशत रह सकती है। क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है,
‘चुनावी नतीजों से तो केवल कारोबारी धारणा सुधरती है। इकोनॉमी पर असली असर
अगली सरकार द्वारा अपनाई जाने वाली नीतियों का पड़ेगा। अगर सब कुछ ठीक रहा
तो फिर इससे आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ेगी।’
क्रिसिल का कहना है कि चुनावी नतीजों के बजाय सरकार द्वारा अपनाई जाने
वाली ठोस नीतियों का कहीं ज्यादा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। मालूम हो
कि देश की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2013-14 की प्रथम तीन तिमाहियों के
दौरान काफी घटकर 4.6 प्रतिशत के स्तर पर आ गई। वहीं, दूसरी ओर वित्त वर्ष
2011-12 में देश की आर्थिक विकास दर 9.3 प्रतिशत का बेहद आकर्षक आंकड़ा
छूने में कामयाब रही थी।
क्रिसिल का मानना है, ‘अगर किसी भी सियासी दल को स्पष्ट जनादेश मिल गया
तो नीतिगत बाधाएं जल्द हटने लगेंगी, आर्थिक सुधारों की गति बढ़ेगी और निवेश
को नए सिरे से बूस्ट मिलेगा। वैसी स्थिति में इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं
में नई जान आ जाएगी।’उल्लेखनीय है कि कई रेटिंग एजेंसी भारत के आर्थिक
विकास को लेकर अच्छी राय दे रही हैं।