नसबंदी कराने में पुरुष काफी पीछे

पटना:
परिवार नियोजन के लिए महिला बंध्याकरण, तो पुरुष नसबंदी करा सकते हैं,
लेकिन हमारे पुरुष प्रधान समाज में आज भी इसके लिए महिलाओं को ही आगे किया
जाता है.

2012-13 की रिपोर्ट के अनुसार पूरे पटना जिले में महज 200 लोगों ने ही
नसबंदी करायी है. वहीं महिलाओं में बंध्याकरण का यह आंकड़ा साढ़े 25 हजार
के करीब है. राजधानी के ज्यादातर अस्पताल इसको लेकर सुस्त पड़े हुए हैं.

राजेंद्रनगर अस्पताल की बात करें, तो वहां परिवार नियोजन कार्यक्रम के
तहत अभी तक न तो एक भी नसबंदी हुई है और न ही बंध्याकरण. वहीं राजवंशी नगर
अस्पताल में भी इस अभियान का काम पूरी तरह से ठप है. हां, न्यू गार्डिनर
रोड में 156 महिलाओं ने बंध्याकरण कराया, जिसमें लगभग सौ महिलाओं का
बंध्याकरण एक ही महिला डॉक्टर ने किया है. ग्रामीण क्षेत्रों में आशा के
कारण कुछ जगहों पर परिवार नियोजन सौ प्रतिशत अंजाम तक पहुंच रहा गया है,
जिसमें संपतचक में लक्ष्य 1155 का था, लेकिन बंध्याकरण करवाने वालों की
संख्या 1462 है,  जो लगभग 127 प्रतिशत है.

आंकड़ा (2012-13)

अस्पताल        लक्ष्य        उपलब्धि

राजेंद्रनगर        2400        01

बेलची        606        39

बाढ़                1487        154

एनजीआर        1255        156

दनियावां        864        112

मसौढ़ी        2486        330

गर्दनीबाग        2272        304

परिवार नियोजन कार्यक्रम सरकार द्वारा सभी पीएचसी में चलाया जा रहा है.
इसके लिए सरकार की ओर से छह सौ रुपये भी दिये जाते हैं. इसके बावजूद
जागरूकता की कमी के चलते लोग सेंटर तक नहीं पहुंच पाते हैं.

डॉ केके मिश्र, सिविल सजर्न

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