बिहार:बच्चों के साथ अब गुरु जी भी सीखेंगे अंगरेजी

पटना: प्रारंभिक स्कूलों के बच्चों के साथ-साथ अब गुरुजी भी अंगरेजी
सीखेंगे. शिक्षकों को अंगरेजी में दक्ष करने के लिए शिक्षा विभाग प्रस्ताव
तैयार कर रहा है. शुरुआत में हर प्रखंड से अंगरेजी के पांच-पांच शिक्षकों
को चुना जायेगा और उन्हें अंगरेजी की ट्रेनिंग दी जायेगी.

शुरुआत में अंगरेजी के करीब 2,670 शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जायेगी.
ट्रेनिंग में उन्हें बताया जायेगा कि स्कूलों में बच्चों को अंगरेजी कैसे
पढ़ानी है? शिक्षकों को इसकी भी ट्रेनिंग दी जायेगी कि बच्चे आसानी से
अंगरेजी सीख सके.

परियोजना की जिम्मेवारी : अंगरेजी के शिक्षकों को ट्रेंड करने का
दायित्व बिहार शिक्षा परियोजना (बीइपी) को दिया जा रहा है. बीइपी स्कूलों
में अंगरेजी की गुणवत्ता में सुधार के लिए जिला स्तर पर शिक्षकों को
ट्रेनिंग देगा. शिक्षकों के प्रशिक्षण में सरकार के अधिकारियों के साथ-साथ
निजी संस्थाओं की मदद भी ली जायेगी. पहले चरण की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद
हर प्रखंड से दस-दस हिंदी और अंगरेजी के शिक्षकों का चयन किया जायेगा और
उन्हें ट्रेंड किया जायेगा. स्कूली बच्चों में भाषा का ज्ञान, शब्दों की
पहचान ठीक से हो सके और स्कूलों में उन्हें गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सके,
इसके लिए शिक्षा विभाग ने यह फैसला किया है. इसी को देखते हुए चार जिलों
में इस साल पहली क्लास में पाठ्यपुस्तकों की जगह वर्क बुक दिया जा रहा
है,जिसमें बच्चे खेल-खेल में अक्षर ज्ञान ले सकेंगे.

स्कूलों में बच्चे अंगरेजी आसानी से सीख सकें, इसके लिए पहले इसके
शिक्षकों की ट्रेनिंग की आवश्यकता है. पहले चरण में ढाइ हजार के करीब
शिक्षकों को इसका प्रशिक्षण दिया जायेगा. हर प्रखंड से भाषा के चुनिंदा
पांच-पांच शिक्षकों का चयन किया जायेगा और अंगरेजी की ट्रेनिंग दी जायेगी.

राहुल सिंह, परियोजना निदेशक, बिहार शिक्षा परियोजना

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