सेनेटरी नैपकिन योजना पर चुनाव आचार संहिता की मार

पटना:
बिहार में कक्षा सात से 12वीं तक पढ़नेवाली छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन
देने की योजना एक अप्रैल से शुरू नहीं हो सकेगी. ऐसा लोकसभा चुनाव के कारण
हुआ है. अभी तक इसके लिए टेंडर भी जारी नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार ने फरवरी में एक अप्रैल से इस योजना को लागू करने की घोषणा की
थी. इसके लिए बजट में 32.76 करोड़ रुपये का प्रावधान है.

जिलों से मंगाया जा रहा ब्योरा :  सेल्फ हेल्प ग्रुप निर्मित नैपकिन
बांटने की बात सामने आयी थी. अब शिक्षा विभाग जिलों में सेल्फ हेल्प ग्रुप
को चिह्न्ति करने की तैयारी में है. साथ ही किन-किन जिलों में कितनी
लड़कियों को इस योजना का लाभ देना है. जिलों से इसका आंकड़ा भी मंगाया जा
रहा है. मिडिल स्कूल के क्लास सात-आठ, हाइस्कूल (9-10)और प्लस टू स्कूलों
की करीब 30.13 लाख छात्राओं को योजना का लाभ दिया जाना है.

हर छात्र को महीने में चार सेनेटरी नैपकिन देनी है. सेनेटरी नैपकिन देने से
पहले स्कूलों में इसे फेंकने के लिए अलग से डस्टबीन की भी व्यवस्था करनी
है. इसके लिए विभाग राशि देगा. शिक्षा विभाग ने सेनेटरी नैपकिन के मद में
32.76 करोड़ रुपये की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इसे
कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जायेगा. विभाग के अधिकारी उम्मीद जता रहे
हैं कि चुनाव के दौरान सरकार निर्वाचन आयोग से अनुमति लेकर इसकी घोषणा कर
सकती है.

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