तैयारी : विदेशी निवेश के लिए जापान, कोरिया सहित कई देशों में रोड-शो
सेज के फायदे
कुल निर्यात में सेज से होने वाले निर्यात की हिस्सेदारी लगभग 33 फीसदी है
15 लाख लोगों को सेज क्षेत्र की कंपनियों में मिला हुआ है रोजगार
रोड-शो के जरिए निवेशकों को सेज की सुविधाओं की दी जाएगी जानकारी
विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और
वहां की निर्यात क्षमता के भरपूर दोहन के लिए वाणिज्य मंत्रालय नई रणनीति
तैयार कर रहा है। यह रणनीति अगले छह साल को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है
और इसे विजन 2020 का नाम दिया गया है।
इस रणनीति के तहत आने वाले वर्षों में सेज में पांच क्षेत्र के निर्यात
पर विशेष जोर दिया जाएगा। मंत्रालय ने सेज की खाली पड़ी जमीन के उपयोग के
लिए विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने का कार्यक्रम तैयार किया है।
वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि विजन 2020 के तहत सेज में
मुख्य रूप से आईटी और इलेक्ट्रानिक हार्डवेयर, जेम्स व ज्वैलरी, लॉजिस्टिक,
फार्मा व अन्य मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री पर जोर देने की योजना है।
उन्होंने बताया कि रणनीति के तहत सेज में मौजूदा दिक्कतों को भी दूर किया
जाएगा और इस दिशा में मंत्रालय ने अपना प्रयास शुरू कर दिया है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि नेशनल मैन्यूफैक्चरिंग और इंवेस्टमेंट
जोन (एनएमआईजेड) और सेज के बीच कोई मुकाबला नहीं है। उल्टा एनएमआईजेड के
तहत स्थापित होने वाला सेज एनएमआईजेड से जुड़ी स्कीम का भी लाभ उठा सकेगा।
वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक नई रणनीति के तहत सेज में खाली पड़ी जमीन
की एक क्षेत्रवार सूची बनाई जा रही है और हर क्षेत्र के इलाके की खासियत के
साथ एक बुकलेट तैयार किया जा रहा है। ताकि निवेशकों को यह आसानी से पता चल
सके कि किस क्षेत्र में कितनी जमीन खाली है और वहां क्या निवेश करना उनके
लिए फायदेमंद रहेगा।
वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक सेज में विदेशी निवेश लाने के
लिए जापान, कोरिया, ताइवान और अन्य देशों में रोड-शो का भी आयोजन किया
जाएगा। उन्होंने बताया कि विदेशी निवेशकों में यह धारणा है कि भारत में
जमीन की कमी है। ऐसे में रोड-शो के जरिए निवेशकों को सेज की खाली जमीन और
यहां की सुविधाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।
फिलहाल सेज एरिया में 21310.03 हेक्टेयर जमीन खाली पड़ी है। चालू वित्त
वर्ष के दौरान सेज के निर्यात में 30 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी की उम्मीद है।
देश के कुल निर्यात में सेज से होने वाले निर्यात की हिस्सेदारी लगभग 33
फीसदी है। अभी 15 लाख लोगों को सेज क्षेत्र में रोजगार मिला हुआ है।