एक ओर जहां पूरी दुनिया सोमवार को विश्व टीबी दिवस मना रही है, वहीं दूसरी और एक शोध से पता चला है कि चिकित्सा में सुधार और सरकार तथा सहायता एजेंसियों के प्रयासों के बावजूद 2011 से अब तक तपेदिक (टीबी) का शिकार होने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है।
बोस्टन में ब्रिघम एंड वूमेंस हॉस्पिटल (बीडब्ल्यूएच) और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल (एचएमएस) के शोधकर्ताओं का अनुमान है कि सालाना 10 लाख बच्चों टीबी का शिकार होते हैं। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 32,000 बच्चों मल्टीड्रग रेसिस्टेंट टीबी (एमडीआर-टीबी) से पीडिम्त हैं। यह रिपोर्ट ‘द लेंसेट’ जर्नल में प्रकाशित हुई है।
हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के सहायक टेड प्रोफेसर कोहेन ने बताया, ”हमारा अनुमान है कि बच्चों में टीबी के कुल नए मामलों की संख्या, डब्ल्यूएचओ के 2011 के अनुमान की दोगुनी है।”
शोधकर्ताओं द्वारा किए शोध के परिणाम दर्शाते हैं कि 2010 में लगभग 10,00,000 बच्चों को टीबी हुआ था, जिनमें से 32,000 बच्चे एमडीआर-टीबी से ग्रसित थे।