जी हां, तमाम बाधाओं को पारकर अपने बुलंद हौसलों से मुकाम हासिल कर समूचे
नारी वर्ग के लिए नजीर बनीं देश की 21 महिलाओं को गुरुवार को राष्ट्रीय
महिला आयोग ने विभिन्न क्षेत्रों में उनके अतुलनीय योगदान के लिए सम्मानित
किया। पश्चिम बंगाल के 24परगना के गांव की नासिमा खातून के हाथ -पैर छह
वर्ष की आयु में तेज बुखार से तंत्रिका तंत्र पर असर पड़ने के कारण खराब हो
गये थे।
गरीब परिवार की इस बच्ची ने विकलांगता से हार नहीं मानी। पढ़ने की ललक के कारण उसने मुंह से पेंसिल पकड़कर
लिखना सीखा और इस समय वह स्नातक की छात्रा है। शिक्षक बनने की तमन्ना रखने
वाली खातून ने इस उपलव्धि का श्रेय अपने स्कूल को दिया। आयोग की अध्यक्ष
ममता शर्मा ने जब खातून के पास जाकर उसे सम्मानित किया तो विज्ञान भवन का
हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के एक गांव में वंचित तबके की संगीता का बाल
विवाह कर दिया गया था। ससुरालवाले पहले तो दहेज के लिए और बाद में दो
कन्याओं को जन्म देने के कारण उसे प्रताडि़त करते थे, लेकिन संगीता ने इन
विषम परिस्थतियों में भी हौसला बनाये रखा और किसी तरह हाईस्कूल पास किया।
इस समय वह सोशल
डेवलपमेंट फाउंडेशन की प्रमुख हैं और मुसहर जाति के भूमिहीन किसानों के उत्थान के काम में लगी हैं।
तेजाब के हमले की शिकार लक्ष्मी इस मुद्दे को राष्ट्रीय मुद्दा बनाकर तेजाब
हमले की पीडिताओं के लिए संबल और ताकत बन गयीं। लक्ष्मी ने सपना, तराना और
रूपा जैसी तेजाब पीडिताओं का जीवन बदल लिया। मुंबई मोनोरेल आपरेशन ऐंड
मेंटनेंस के ट्रेन आपरेशन विभाग में बतौर ट्रेन कैप्टन काम करने वाली पूजा
केनी को भी सम्मानित किया गया।
दुष्कर्म की शिकार राजस्थान की सामाजिक कार्यकर्ता भंवरी देवी, गुलाबी गैंग
की प्रमुख संपत पाल अपने लोकगीतों से देश विदेश में प्रसिद्धि हासिल कर
चुकीं दीपमाला मोहन, महिला अधिकारों के लिए समर्पित उच्चतम न्यायालय की
न्याय मित्र ज्योतिका कालरा, हिंसा की शिकार महिलाओं को मनोवैज्ञानिक
सहायता उपलव्ध कराने वाली मिजोरम की ऐंजेला सी रालते, नृत्य संगीत एवं कला
के विकास में योगदान देने वाली किरन देवी भारती, पत्रकार नलिनी सिंह,
राधिका कौल बत्रा टेरेसा रहमान और सुषमा गणेश पांडे के काम को भी सराहा
गया।
इनके अलावा ज्वायंट वूमेन प्रोग्राम की निदेशक ज्योत्सना चटर्जी,
मैंनेजटमेंट के गुर से महिलाओं के उत्थान में लगी मलिका बसु, महिलाओं और
बच्चों को देह व्यापार से बचाने के अभियान में लगी प्रीति प्रवीण पाटकर,
पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत रत्नम वट्टल, रोगों के उन्मूलन में योगदान
देने वाली सिस्टर कोंसिलिया पेंगाड, स्नेहलता सी सामंत, टेंटीनस स्वेर,
जाकिया सोमन और त्रिलोकपुरी महिला पंचायत प्रोग्राम नाम के संगठन को भी
सम्मानित किया गया। सम्मान स्रूप प्रतीक चिह्न और प्रशस्ति पत्र दिया गया।