नेफेड से फसल खरीद बढ़ाने में जुटी सरकार

कई फसलों के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे गिरने से चुनावी
साल में सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस साल रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन
की उम्मीद है, लेकिन फसलों की खरीद को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।
किसानों के गुस्से से बचने के लिए केंद्र ने सरकारी एजेंसियों से खरीद
बढ़ाने की कोशिशें तेज कर दी हैं।

इसके लिए प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत नेफेड और केंद्रीय भंडारण निगम की क्रेडिट सीमा बढ़ाकर दोगुनी की जाएगी।
औद्योगिक
संगठन फिक्की के एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय कृषि सचिव आशीष बहुगुणा
ने बताया कि फसलों की खरीद के लिए नेफेड को 1,631 करोड़ रुपये की क्रेडिट
लिमिट (उधारी सीमा) तय की गई है। इसके अलावा भंडारण निगम को मिली 150 करोड़
रुपये की क्रेडिट सीमा भी नेफेड को दी गई है।

नेफेड की क्रेडिट
सीमा बढ़ाकर 3500 करोड़ रुपये करने के लिए कृषि मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय
को पत्र लिखा है। इसे जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

कई दलहन और
तिलहन के भाव एमएसपी से काफी नीचे आने के बाद नेफेड ने इसकी खरीद शुरू कर
दी है। गुजरात और राजस्थान से करीब 2.50 लाख मूंगफली की सरकारी खरीद हो
चुकी है। चने, सूरजमुखी, सरसों और तुअर की सरकारी खरीद का दबाव भी नेफेड पर
बढ़ रहा है। नेफेड के अध्यक्ष डॉ. बिजेंद्र सिंह ने अमर उजाला को बताया कि
सिर्फ चने की खरीद के लिए करीब 5 हजार करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी। इसलिए
खरीद बढ़ानी है तो नेफेड को ज्यादा फंड देना होगा।

नेफेड खुद संकट में
नेफेड
पर खुद करीब 2 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसकी वसूली के लिए बैंक
कोर्ट जा चुके हैं। वित्तीय संकट से उबरने के लिए नेफेड दिल्ली में अपनी
मुख्य इमारत समेत कई शहरों की प्रॉपर्टी को बेचने का फैसला किया है।
इसके अलावा दो उर्वरक कारखाने भी इफको को बेचने की तैयारी है।

समर्थन मूल्य से नीचे गिरे भाव———फसलएमएसपी बाजार भाव

मूंगफली-4000——-3500-3900
चना——-3100——-2600-2800
तुअर——-4300——-3800-4200
सूरजमुखी——-3700——-3200-3500
बाजरा——-1250——-1100-1300
सरसों——-3000——-2800-3100
(भाव रुपये प्रति क्विंटल में)

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