मध्य प्रदेश
सरकार ने देश में होने वाले लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए सोमवार
को विधानसभा सत्र में तीसरा अनुपूरक बजट और अगले वित्त वर्ष के पहले चार
महीनों के लिए लेखानुदान प्रस्तुत किया।राज्य सरकार ने लेखानुदान में लोक
लुभावन घोषणाओं से परहेज किया है, लेकिन इस बीच प्राकृतिक आपदा के लिए
विशेष प्रावधान से किसानों को लुभाने का प्रयास जरूर किया गया है।
लेखानुदान में राज्य सरकार ने राज्य में ओलावृष्टि से बरबाद हुई फसलों
की क्षतिपूर्ति और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए 2,000 करोड़ रुपये का
प्रावधान किया है।इसके अलावा लेखानुदान में राज्य सरकार की ओर से किसी नए
कर की घोषणा नहीं की गई। हालांकि राज्य के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने
राज्य की अर्थव्यवस्था पर आर्थिक सुस्ती का हवाला भी दिया है।
आर्थिक सुस्ती का असर राज्य सरकार की कर से होने वाली आय पर साफ दिखाई दे
रहा है। चालू वित्त वर्ष के दौरान तमाम प्रयास के बाद भी आय बजटीय अनुमान
से कम हो गई है। वित्त वर्ष 2013-14 के बजटीय अनुमान की तुलना में कर
राजस्व 431.34 करोड़ रुपये कम रहा है। मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत
मलैया ने चालू विधानसभा सत्र में तीसरा अनुपूरक बजट और अगले वित्त वर्ष के
पहले चार महीनों के लिए लेखानुदान प्रस्तुत करते हुए इसमें चालू वित्त वर्ष
के राजस्व और व्यय के पुनरीक्षित अनुमान भी प्रस्तुत किये है।
इसके अनुसार चालू वित्त वर्ष के लिए प्रस्तुत संशोधित अनुमान में
56,643.95 करोड़ रुपये का कर राजस्व बताया गया है, जबकि इसका बजटीय अनुमान
57,075.29 करोड़ रुपये रखा गया था। इस कमी की मुख्य वजह निगम कर, सीमा
शुल्क और उत्पाद शुल्क में आई कमी है। चालू वित्त वर्ष के लिए राज्य सरकार
ने निगम कर के माध्यम से 8,657.14 करोड़ रुपये आय होने का अनुमान रखा था।
इसके मुकाबले इस मद से केवल 8,052.41 करोड़ ंरुपये ही आय हुई है। इसी तरह
सीमा शुल्क से 4,308.14 करोड़ रुपये की आय के अनुमान के मुकाबले वास्तविक
आय 3,702.38 करोड़ रुपये रही है। केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से बजट में
2,950.11 करोड़ रुपये आय का अनुमान था, जबकि वास्तविक आय 2,489.87 करोड़
रुपये रही है।
हालांकि राज्य सरकार के आय के सबसे बड़े स्रोत वैट का संकलन लक्ष्य के
अनुरूप ही रहा है। राज्य सरकार ने बजट में वैट से 16,500 करोड़ रुपये आय का
लक्ष्य रखा था और इतनी ही आय हुई है। अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार ने वैट
से कुल 19,500 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार ने अगले
वित्त वर्ष के लिए कर राजस्व का लक्ष्य 66,212.01 करोड़ रुपये रखा गया है।
इस मामले पर मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बिजनेस भास्कर को
बताया कि देश में छाई सुस्ती का असर कर राजस्व के संकलन पर पड़ा है। हमें
उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष में स्थिति में सुधार आयेगा। वित्त मंत्री ने
अगले वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के लिए करीब 51,600 करोड़ रुपये का
लेखानुदान विधान सभा में प्रस्तुत किया है। राज्य सरकार ने अपने वादे के
अनुसार प्राकृतिक आपदा के लिएकरीब 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
लोकसभा चुनाव के कारण अगले वित्त वर्ष के लिए बजट प्रस्तुत नहीं किया गया
है। इसके साथ ही करीब 746 करोड़ रुपये का तीसरा अनुपूरक बजट भी विधानसभा
में प्रस्तुत किया गया है। इन दोनों पर ही मंगलवार को विधानसभा में चर्चा
की जायेगी। इसके पहले दो अनुपूरक बजट के माध्यम से राज्य सरकार करीब 10,341
करोड़ रुपये प्राप्त कर चुकी है।