मनरेगा में खत्म करें बिचौलियों की भूमिका : हेमंत

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड में मनरेगा में
मस्टर रोल बनाने से लेकर मजदूरी के भुगतान में काफी दिक्कतें हैं. सरकार का
प्रयास होना चाहिए कि मनरेगा मजदूरों का समय पर भुगतान हो और इसकी
प्रक्रिया सरल की जाये. मनरेगा और वृद्धावस्था पेंशन के भुगतान में
बिचौलियों की भूमिका कम करने की भी जरूरत है. रोजगार सेवकों की भूमिका भी
सीमित की जाये. खेतिहर मजदूरों को किसान बनाया जाये. मनरेगा से कृषि को भी
जोड़ा जाये. मुख्यमंत्री शनिवार को प्रत्यक्ष नगद हस्तांतरण-मनरेगा और
राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम पर आयोजित कार्यशाला के उदघाटन सत्र
को संबोधित कर रहे थे.

सीएम ने कहा कि मनरेगा की योजनाएं उपायुक्त के स्तर पर स्वीकृत नहीं की
जा रही हैं. मनरेगा की योजनाओं में इतने हाथ हैं कि योजनाएं समय पर पूरी
नहीं होती हैं.  झारखंड में मनरेगा की स्थिति निराशाजनक है. इसके लिए
सिस्टम जिम्मेदार है. हमलोग ग्रामीण इलाकों में जाते हैं, पर डीसी और अन्य
अधिकारी गांव तक जाते ही नहीं हैं. अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की
आवश्यकता है.

मुख्यमंत्री ने मौके पर इंडिया पोस्ट के जरिये मनरेगा भुगतान डाकघरों से
शुरू करने के लिए डाकघरों के पोस्ट मास्टरों को टैबलेट आधारित सिस्टम और
फिंगर प्रिंट डिवाइस दिये. उन्होंने कांके एसपीएम के अरुण कुमार सिंह,
खूंटी एसपीओ के प्रवीण कुमार, खूंटी के डोरमा डाकघर और जलटंडा डाकघरों के
प्रतिनिधियों को टैबलेट आधारित सिस्टम दिया गया.

राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि मनरेगा मजदूरी
के भुगतान समय पर होने से ग्रामीणों को फायदा होगा.  केंद्र सरकार समय पर
मनरेगा की राशि रिलीज करे. उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों, उप विकास
आयुक्त और अन्य अधिकारियों को योजनाएं स्वीकृत करने में ध्यान देना चाहिए.
केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव श्री सुब्रमण्यम ने भी अपने
विचार रखे. सूचना तकनीक विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा ने समझौते की
जानकारी दी.

2800 डाकघरों के जरिये होगा भुगतान : मुख्य सचिव : आरएस शर्मा ने कहा कि
झारखंड में डाकघरों की 2800  शाखाओं को वितरण प्वाइंट बनाया जायेगा. इसके
अतिरिक्त 4500 प्रज्ञा केंद्र को भी डिस्ट्रीब्यूशन प्वाइंट बनाया गया है.
मनरेगा मजदूर और वृद्धावस्था पेंशन के लिए चार महीने लगते हैं, जो शर्मनाक
है. यदि कोई मनरेगा मजदूर एक सप्ताह काम करता है, तो उसे 1350 रुपये लेने
के लिए डाकघरों और बैंकों में 20 प्रतिशत राशि सिर्फ किराये के रूप में
खर्च करनी पड़ती है. कमोबेश यही स्थिति वृद्धावस्था पेंशन भुगतान की है.

जयराम रमेश ने धुर्वा पोस्ट ऑफिस में एइपीएस कार्यक्रम का किया शुभारंभ
रांची : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने शनिवार को धुर्वा
पोस्ट ऑफिस में एइपीएस का शुभारंभ किया. इसके माध्यम से मनरेगा एवं सामाजिक
सुरक्षा के मजदूरों को आधार आधारित (एइपीएस) भुगतान डाकघर से किया जायेगा.
 इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आनेवाले दिनों में इस व्यवस्था का विस्तार
झारखंड डाक परिमंडल के सभी उप डाकघरों एवं शाखा डाकघरों में किया जायेगा.
श्री रमेश ने कहा कि पूर्व में मनरेगा कर्मियों का पैसा बिचौलियों द्वारा
निकाला जाता था, लेकिन इस व्यवस्था से लाभुक जब तक स्वयं उपस्थित नहीं
होंगे उन्हें राशि नहीं मिलेगी.  कार्यक्रम में मुख्यसचिव आरएस शर्मा, चीफ
पोस्ट मास्टर जनरल अभय शेखर प्रसाद, केके सिन्हा, एनएन सिन्हा  मौजूद थे.

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