80.4 लाख टन यूरिया का आयात हुआ था वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान
67.9 लाख टन यूरिया का आयात हुआ है चालू वित्त वर्ष के पहले दस माह में
भारत ने अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए चालू वित्त वर्ष के
पहले दस माह (अप्रैल से जनवरी) में 67.9 लाख टन यूरिया, जिसकी कीमत 1.92
अरब डॉलर है, का आयात किया है।
वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान कुल 80.4 लाख टन यूरिया का आयात किया गया
था, जिमसें से 18.3 लाख टन यूरिया ओमान इंडिया फर्टिलाइजर कंपनी से आयात
किया गया था। यह कंपनी ओमान ऑयल कंपनी, इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर्स
कोऑपरेटिव लिमिटेड और कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड का संयुक्त उपक्रम है।
इंडियन पोटाश लिमिटेड के चेयरमैन पीएस गहलौत ने बताया कि इस साल आयात
होने वाले यूरिया की कीमत में 50 डॉलर प्रति टन की कमी आई है। इस साल 340
डॉलर प्रति टन की दर से यूरिया का आयात किया गया है, जबकि इससे पिछले साल
आयतित यूरिया का पूरे साल का औसत मूल्य 389 डॉलर प्रति टन था।
उर्वरक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक देश में तकरीबन 2.2
करोड़ टन यूरिया का उत्पादन हो रहा है, जबकि इसकी घरेलू मांग 3 करोड़ टन
है। उन्होंने कहा इस बार मानसून बेहतर रहा है और इस वजह से किसानों ने
बुवाई रकबा भी बढ़ाया है इसलिए चालू वित्त वर्ष में यूरिया का आयात और बढऩे
की संभावना है।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार फोस्फेट एंड पोटास फर्टिलाइजर्स
डाइ-अमोनियम फोस्फेट (डीएपी) और म्यूरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) का आयात वित्त
वर्ष 2013-14 के पहले दस माह में 55.6 लाख टन तक पहुंच चुका है। वर्ष 2012
में कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में सूखे की वजह से यूरिया की
मांग कम रही थी। देश में यूरिया की बिक्री किसानों को 5,360 रुपये प्रति
टन की रियायती दरों पर की जाती है।