तो सरकार, किसानों के जरिए जीतना चाहती है चुनाव!

चुनाव की दहलीज पर खड़ी यूपीए सरकार की उम्मीदें एक बार फिर कृषि क्षेत्र पर आ टिकी हैं।

चुनाव
की दहलीज पर खड़ी यूपीए सरकार की उम्मीदें एक बार फिर कृषि क्षेत्र पर आ
टिकी हैं। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने किसानों को लुभाने
के लिए सस्ते कर्ज को हथियार बनाया है।

उन्होंने ऐलान किया कि कृषि
ऋण पर मिलने वाली 2 फीसदी ब्याज छूट और समय से भुगतान करने पर 3 फीसदी
प्रोत्साहन आगे भी जारी रहेगा। इस तरह किसानों को 4 फीसदी की ब्याज दर पर
कृषि ऋण मिलता रहेगा।

वर्ष 2009 में यूपीए सरकार की वापसी में
किसानों की कर्ज माफी ने अहम भूमिका निभाई थी। एक ओर जहां देश की जीडीपी
ग्रोथ घटकर 4.9 फीसदी पर आ गई है, वहीं चिदंबरम ने कृषि क्षेत्र में 4.6
फीसदी की विकास दर का भरोसा जताया है।

चिदंबरम ने चालू वित्त वर्ष
खाद्यान्न के रिकॉर्ड 26.3 करोड़ टन उत्पादन को सरकार की बड़ी उपलब्धि के
तौर पर पेश किया है। इस साल कृषि निर्यात भी वर्ष 2013-14 में 45 अरब डॉलर
को पार करने का अनुमान है, जबकि कृषि आयात इसके आधे से भी कम है।

वित्त
मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में बैंक 7 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण
को पार कर जाएंगे। इस साल कृषि ऋण 7.35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की
उम्मीद है। इसलिए वित्त वर्ष 2014-15 के लिए उन्होंने 8 लाख करोड़ रुपये का
कृषि ऋण बांटने का लक्ष्य रखा है।

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