भारत ने
वित्त वर्ष 2014-15 में 9.5 लाख टन नेचुरल रबड़ उत्पादन का लक्ष्य तय किया
है। रबड़ बोर्ड की चेयरपर्सन शीला थॉमस ने बुधवार को बताया कि चालू वित्त
वर्ष में अब तक देश में कुल 8.5 लाख टन नेचुरल रबड़ का उत्पादन हो चुका है।
थॉमस ने कहा कि हमारा अनुमान है कि 31 मार्च 2014 को समाप्त होने वाले
वित्त वर्ष तक देश में नेचुरल रबड़ का उत्पादन बढ़कर नौ लाख टन तक पहुंच
जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि कुछ जलवायु परिस्थितियों और कम कीमत के
कारण इसका उत्पादन घट भी सकता है।
चीन, जो नेचुरल रबड़ का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, ने जनवरी-फरवरी 2013 में
बड़ी मात्रा में भारत से नेचुरल रबड़ का आयात किया था, लेकिन इस साल चीन
ने यहां से अभी तक नेचुरल रबड़ का आयात शुरू नहीं किया है इस वजह से
वैश्विक मांग भी कमजोर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इन दो कारणों से रबड़
की कीमतों में तेजी नहीं आ पा रही है। कमजोर कीमतों की वजह से केरल के
अधिकांश हिस्सों में किसानों ने रबड़ का दोहन बंद कर दिया है।
थॉमस के मुताबिक अगले वित्त वर्ष में देश के भीतर नेचुरल रबड़ की मांग
10.10 लाख टन तक पहुंच जाने का अनुमान है, जबकि इस साल देश में केवल 9 लाख
टन ही नेचुरल रबड़ का उत्पादन हुआ है। बोर्ड के अनुसार भारत ने इस साल
जनवरी तक कुल 2.70 लाख टन रबड़ का आयात किया है और 31 मार्च तक आयात का यह
आंकड़ा तीन लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है।
उत्तर पूर्व, सिक्किम को छोड़कर, में रबड़ का उत्पादन बढ़ाने पर खास जोर
देने वाले रबड़ बोर्ड के मुताबिक त्रिपुरा में तकरीबन 60,000 हैक्टेयर
क्षेत्रफल में रबड़ की खेती की जा रही है। इसके अलावा कर्नाटक, उड़ीसा,
महाराष्ट्र और गोवा के कुल जिलों में भी रबड़ की खेती का विस्तार किया गया
है। केरल में नेचुरल रबड़ की सर्वाधिक खेती कासरगोड के उत्तरी जिलों में की
जाती है।
आज से शुरू होगा दो दिवसीय भारतीय रबड़ सम्मेलन
प्रेट्र : कोची… पहली बार आयोजित किए जा रहे दो दिवसीय भारतीय रबड़
सम्मेलन की शुरुआत गुरुवार से कोची में होगी। इस आयोजन की परिकल्पना भारतीय
रबड़ : नए क्षितिज है। इस सम्मेलन का उद्घाटन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल
मैन्यूफैक्चरर्स के अध्यक्ष और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड
के वाइस प्रेसीडेंट विक्रम श्रीकांत किर्लोस्कर करेंगे।
इस सम्मेलन में वैश्विक अर्थव्यवस्था परिदृश्य, रबड़ उद्योग परिदृश्य,
ग्लोबल नेचुरल रबड़ सेनारियो, चीन रबड़ इंडस्ट्री, भारतीय रबड़ उद्योग
परिदृश्य, सिंथेटिक रबड़ डेवलपमेंट, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और टायर उद्योग के
परिदृश्य पर चर्चा की जाएगी। पैनल डिस्कशन में थाईलैंड, इंडोनेशिया,
मलेशिया, वियतनाम, भारत, चीन और श्रीलंका के विशेषज्ञ भाग लेंगे।