अच्छे मानसून और कई फसलों का रकबा बढ़ने से इस साल रिकॉर्ड खाद्यान्न
उत्पादन के आसार हैं। कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2013-14 में कृषि पैदावार के
दूसरे अग्रिम अनुमान जारी किए हैं।
इन अनुमानों के मुताबिक, इस साल
खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 26.32 करोड़ टन तक पहुंचेगा, जो न सिर्फ 25.90
करोड़ टन के लक्ष्य से अधिक है, बल्कि पिछले साल के उत्पादन से भी करीब 61
लाख टन ज्यादा है। बंपर पैदावार के पीछे चावल, गेहूं, मक्का, मोटे अनाज और
दालों का रिकॉर्ड उत्पादन प्रमुख है। सरसों और तिलहन उत्पादन भी रिकॉर्ड
स्तर तक पहुंच सकता है।
इन अग्रिम अनुमानों के अनुसार, चावल उत्पादन
रिकॉर्ड 10.61 करोड़ टन पहुंच सकता है। इससे पहले वर्ष 2011-12 में
सर्वाधिक 10.53 करोड़ टन चावल उत्पादन हुआ था। गेहूं उत्पादन इस साल
रिकॉर्ड 9.56 करोड़ टन तक पहुंच सकता है।
वर्ष 2011-12 में गेहूं का
उत्पादन 9.48 करोड़ टन हुआ था। मक्का का उत्पादन भी रिकॉर्ड 232.9 लाख टन
तक पहुंच सकता है। अनाज और दालों का उत्पादन बढ़ाने में भी सरकार को बड़ी
कामयाबी मिलती दिख रही है।
इस साल दालों का उत्पादन भी 197.7 लाख टन
के रिकॉर्ड स्तर को छू सकता है। इस साल अरहर (33.4 लाख टन), सरसों (82.5
लाख टन), तिलहन (3.29 करोड़ टन) और कपास (356 लाख गट्ठर) के रिकॉर्ड
उत्पादन की संभावना है।
कृषि आयुक्त जेएस संधू ने बताया कि अच्छे
मानसून और रबी व खरीफ की बेहतर बुवाई के चलते रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन के
आसार बन रहे हैं। अक्तूबर में हुई बारिश से रबी की बुवाई को खास मदद मिली।
रबी का उत्पादन खरीफ से ज्यादा
वर्ष
2013-14 में रबी का खाद्यान्न उत्पादन खरीफ से ज्यादा रहने का अनुमान है।
आम तौर पर खरीफ का उत्पादन रबी से ज्यादा रहता है। वर्ष के पहले कृषि
अनुमानों में खरीफ का खाद्यान्न उत्पादन 12.93 करोड़ टन रहने का अनुमान था,
जिसे अब संशोधित कर 12.83 करोड़ टन कर दिया है। जबकि रबी में खाद्यान्न
उत्पादन 13.48 करोड़ टन रहेगा।
सोयाबीन व सूरजमुखी का उत्पादन घटा
सोयाबीन
और सूरजमुखी जैसे प्रमुख तिलहन फसलों की पैदावार घट रही है। सोयाबीन
उत्पादन पिछले साल 146.66 लाख टन से घटकर 124.4 लाख टन रह सकता है। जबकि
सूरजमुखी उत्पादन 5.44 लाख टन से गिरकर 4.7 लाख टन रहेगा।