देश की 67 फीसदी आबादी को खाद्य सुरक्षा का कानूनी हक देने की तैयारियों पर गेहूं की सरकारी खरीद में आई गिरावट भारी पड़ सकती है।
चालू रबी विपणन सीजन के दौरान गेहूं की सरकारी खरीद पिछले साल के मुकाबले करीब 30 फीसदी कम चल रही है।
खाद्य
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक चालू सीजन में जून के अंत तक सरकारी खरीद 260
लाख टन रहने के आसार हैं। मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार
परिषद को भेजी गई जानकारी में यह बात कही गई है।
सरकारी खरीद का
सबसे बुरा हाल उत्तर प्रदेश में है, जहां सरकारी एजेंसियों ने इस साल पिछले
5 वर्षों में सबसे कम गेहूं खरीदा है। गेहूं की खरीद में भारी कमी से एक
ओर जहां रिकॉर्ड उत्पादन पर सवाल उठने लगे हैं, वहीं खाद्य सुरक्षा कानून
की तैयारियों भी संकट मंडराने लगा है।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय से
मिली जानकारी के अनुसार, 4 जून तक पूरे देश में 250 लाख टन गेहूं की सरकारी
खरीद हुई है, जबकि पिछले साल रबी सीजन में कुल 381 लाख टन गेहूं खरीदा गया
था।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद को भेजी जानकारी में
मंत्रालय ने माना है कि इस रबी सीजन में 441 लाख टन गेहूं खरीद के लक्ष्य
के मुकाबले जून के आखिर तक गेहूं की खरीद सिर्फ 260 लाख टन तक ही पहुंच
पाएगी। यानी, सरकारी एजेंसियां 60 फीसदी लक्ष्य ही हासिल करती दिख रही हैं।
मंत्रालय
का मानना है कि गेहूं की कम खरीद के चलते आगामी सितंबर तक अनाज की कुल
खरीद 610 लाख टन ही पहुंच पाएगी, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के लिए
आवश्यक अनाज भंडार के तकरीबन बराबर है।
इसके अलावा केंद्रीय पूल में
जमा अनाज पिछले साल का सरप्लस है। अगर गेहूं की खरीद अगले एक-दो साल इसी
तरह घटती है, तो सरप्लस नहीं बचेगा और खाद्य सुरक्षा कानून के इंतजामों पर
संकट आ सकता है।
पिछले साल जुलाई में केंद्रीय पूल में अनाज भंडार 805 तक टन तक पहुंच गया था, जबकि इस साल यह 770 लाख टन के आसपास ही रहेगा।
खाद्य
सुरक्षा विशेषज्ञ बिराज पटनायक का कहना है कि सरकार ने जान बूझकर गेहूं की
कम खरीद की है। किसानों को गेहूं का उचित मूल्य नहीं मिला और न ही सरकार
ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को पर्याप्त फंड मुहैया कराया।
यूपी में 5 सालों की सबसे कम खरीद
उत्तर
प्रदेश में इस साल गेहूं की सरकारी खरीद पिछले 5 वर्षों में सबसे कम है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 4 जून तक यूपी में करीब 32 लाख टन
गेहूं खरीदा गया था, जबकि इस साल खरीद सिर्फ 6.7 लाख टन तक पहुंच सकी है।
इससे
पहले यूपी में इतनी कम खरीद वर्ष 2007-08 में 5.46 लाख टन रही थी। पिछले
साल कुल 50 लाख टन गेहूं खरीदा गया था जबकि इस साल यह आंकड़ा 10 लाख टन तक
पहुंचता नहीं दिख रहा है।