निवेशक गेहूं में बिकवाली से कमा सकते हैं मुनाफा

बुवाई क्षेत्रफल में हुई बढ़ोतरी के साथ अनुकूल
मौसम से चालू रबी में गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार होने का अनुमान है। गेहूं
की बुवाई चालू रबी में 5.7 फीसदी बढ़कर 315.32 लाख हैक्टेयर में हुई है।
मार्च-अप्रैल महीने में उत्पादक मंडियों में गेहूं की नई फसल की आवक शुरू
हो जायेगी। हालांकि निवेशकों की खरीद से एनसीडीईएक्स पर मार्च महीने के
गेहूं के वायदा अनुबंध में पिछले पांच दिनों में 2 फीसदी की तेजी ही आई है
लेकिन बंपर उत्पादन को देखते हुए मार्च में गेहूं की मौजूदा कीमतों में 10
से 12 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है।

एनसीडीईएक्स पर मार्च महीने के गेहूं के वायदा अनुबंध में पिछले पांच
दिनों में 2 फीसदी की तेजी आकर शुक्रवार को भाव 1,612 रुपये प्रति क्विंटल
हो गए जबकि 3 फरवरी को मार्च महीने के वायदा अनुबंध में इसके भाव 1,579
रुपये प्रति क्विंटल थे। एग्री विश्लेषक अभय लाखवान ने बताया कि चालू रबी
में गेहूं के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई ही है, साथ ही अभी तक मौसम
भी फसल के अनुकूल बना हुआ है। ऐसे में आगामी दिनों में नई फसल की आवक बनने
के बाद गेहूं की मौजूदा कीमतों में गिरावट की ही संभावना है।

इसलिए निवेशक मौजूदा कीमतों पर बिकवाली करके मुनाफा कमा सकते हैं। श्री
बालाजी फूड प्रोडक्ट कंपनी के प्रबंधक संदीप बंसल ने बताया कि केंद्र सरकार
ने रबी विपणन सीजन 2014-15 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)
1,400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि खुले बाजार में गेहूं का
स्टॉक नहीं होने के कारण रोलर फ्लोर मिलें गेहूं की खरीद भारतीय खाद्य निगम
(एफसीआई) के गोदामों से ही कर रही हैं।

मार्च महीने में गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में नए गेहूं की आवक
शुरू हो जायेगी, जबकि अप्रैल में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में नई
फसल की आवक बनेगी। दिल्ली के लॉरेंस रोड़ पर गेहूं के भाव 1,645-1,650
रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं ऐसे में आगामी दिनों में नई फसल की आवक
शुरू होने के बाद गेहूं की मौजूदा कीमतों में 150 से 200 रुपये प्रति
क्विंटल की गिरावट आने की संभावना है।

प्रवीन कॉमर्शियल कंपनी के प्रबंधक नवीन गुप्ता ने बताया कि विश्व बाजार
में गेहूं के दाम पहले की तुलना में कम हुए है। हालांकि केंद्रीय पूल से
सार्वजनिक कंपनियां पीईसी, एसटीसी और एमएमटीसी जरूर गेहूं का निर्यात कर
रही हैं लेकिन प्राइवेट निर्यातकों को पड़ते नहीं लग रहे हैं। केंद्र सरकार
गेहूं निर्यात करने के न्यूनतम निर्यात मूल्य 260 डॉलर प्रति टन किया हुआ
है। गेहूं की नई फसल की आवक मार्च-अप्रैल में शुरू होने के बाद उत्पादक
मंडियों में मौजूदा कीमतों में मंदे की ही संभावना है।

कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में गेहूं की बुवाई बढ़कर 315.32 लाख
हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई
298.19 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। 2012-13 में गेहूं की पैदावार 924.6
लाख टन की हुई थी लेकिन चालू रबी में पैदावार बढऩे का ही अनुमान है।
केंद्रीय पूल मेंपहली जनवरी को 427.45 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद
है, इसमें 280.47 लाख टन गेहूं और 146.98 लाख टन चावल की हिस्सेदारी है।

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