कृषि वसंत से देश में दूसरी हरित क्रांति : राष्ट्रपति

नागपुर. राष्ट्रपति
प्रणब मुखर्जी ने रविवार को यहां कहा कि कृषि वसंत से देश में दूसरी हरित
क्रांति की शुरूआत होगी। उन्होंने देश की सकल घरेलू विकास दर बढ़ाने के लिए
कृषि व उद्योग सेक्टर को मिलकर काम करने का आह्वान भी किया। वे यहां
राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी ‘कृषि वसंत’ के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।
वर्धा मार्ग पर केंद्रीय कपास अनुसंधान केंद्र परिसर में आयोजित राष्ट्रीय
कृषि प्रदर्शनी ‘कृषि वसंत’ का उद्घाटन भी राष्ट्रपति के हाथों ही हुआ। 
इस मौके पर उन्होंने कहा कि कृषि विकास का सीधा संबंध देश के विकास से है।
 
एक प्रतिशत कृषि विकास बढऩे पर 4 प्रतिशत रोजगार बढ़ेगा। उन्होंने कहा
कि कृषि वसंत के आयोजन से देश के कृषि विकास को गति मिलेगी। इस अवसर पर
प्रदेश के राज्यपाल के. शंकरनारायणन, मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण,
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार, भारी उद्योग मंत्री प्रफुल्ल पटेल,
मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, प्रदेश के कृषि
मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील, नागपुर के पालकमंत्री शिवाजीराव मोघे, संपर्क
मंत्री अनिल देशमुख, राज्य के मुख्य सचिव जे.एस सहारिया आदि प्रमुखता से
मंच पर उपस्थित थे। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार, मुख्यमंत्री पृथ्वीराज
चव्हाण, प्रदेश के कृषि मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील ने भी अपने विचार रखे।
केंद्रीय कृषि सचिव आशीष बहुगुणा ने प्रस्तावना रखी। प्रदर्शनी का आयोजन
केंद्र सरकार के कृषि विभाग ने किया है, जिसमें महाराष्ट्र सरकार, भारतीय
उद्योग महासंघ भी सहभागी हैं। 
 
कई राज्यों से आए किसान : प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए पहले ही
दिन पंजाब, झारखंड, मध्यप्रदेश, असम व महाराष्ट्र के किसान प्रमुखता से
पहुंचे। इस प्रदर्शनी में प्रतिदिन 70 से 80 हजार किसान शामिल होंगे। 
 
शिक्षा केवल बेरोजगारी दूर करने का साधन नहीं है। उत्तम समाज के
निर्माण के लिए शिक्षा अनिवार्य है। मौजूदा स्थिति में देश के केवल 34
फीसदी शिक्षित युवाओं को ही रोजगार मिल रहा है। 
 
पहले देश को विकास के लिए खाद्य, खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर
बनने की सलाह दी जाती थी। अब देश खाद्यान्न निर्यात में दुनिया में अग्रणी
है। जनसंख्या बढऩे के साथ ही अनाज उत्पादन भी बढ़ा है। 
 

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