अब सस्ती मिलेंगी महंगी दवाएं, कीमतें 40 फीसदी तक होगी कम

जमशेदपुर. सर्दी, खांसी, बुखार, बदन दर्द सहित कई अन्य बीमारियों
की दवाएं अब कम कीमत पर मिलेंगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नेशनल
फार्मास्यूटिकल प्राइजिंग कंट्रोल अथॉरिटी (एनपीपीए) ने 43 प्रकार की दवाओं
की कीमत 40 फीसदी तक घटा दी है। सभी राज्यों के ड्रग कंट्रोलर्स से दवाओं
की बिक्री नई रेट लिस्ट पर कराने को कहा गया है। 

ड्रग इंस्पेक्टर सुमंत तिवारी ने बताया कि एनपीपीए ने जून 2013 में
विभिन्न बीमारियों की 43 दवाओं की कीमत घटाई थी। इसके खिलाफ कंपनियों ने
सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने 25 दिसंबर
को दवा कंपनियों को जरूरी जीवन रक्षक दवाओं की कीमत घटाने के आदेश दिए थे।
इस पर दवा कंपनियों ने अब एनपीपीए के आदेश के तहत घटी हुई कीमत पर दवाएं
बेचने पर सहमति दे दी है। साथ ही दवाओं की नई पैकिंग पर घटी हुई कीमत की
एमआरपी प्रिंट करना शुरू कर दिया है।


पुरानी कीमत की दवाएं दुकानों पर नहीं : जमशेदपुर केमिस्ट एसोसिएशन के
अध्यक्ष आशीष चटर्जी ने बताया कि दवा स्टोर्स पर पुरानी कीमत की दवाओं का
स्टॉक दिसंबर में ही खत्म हो चुका है। दवा कंपनियों ने दवाओं का नया स्टॉक
दुकानों को सप्लाई किया है। इस कारण अब मरीजों को दवाएं घटी हुई कीमत पर ही
बेची जा रही हैं।

डॉक्टरों की मनमानी होगी बंद जीवन रक्षक दवाओं के दाम में कमी व एक समान
कीमत होने से मनमानी बंद हो जाएगी। ड्रग इंस्पेक्टर सुमंत तिवारी ने कहा
कि डॉक्टर अपनी मर्जी से किसी भी कंपनी की दवा लिख देते थे। दवा महंगी होने
पर मरीज को आर्थिक परेशानी होती थी।मगर अब कीमत कम होने व कुछ दवाओं की
कीमत समान होने पर मरीजों को परेशानी नहीं होगी।

कीमत घटने से इलाज सस्ता होगा 

दवा कंपनियों द्वारा दवाओं की कीमत कम करने से बीमारी का इलाज सस्ता हो
जाएगा। उन्होंने बताया कि अधिकतर बीमारियों के मरीज डॉक्टर को फीस में बड़ी
राशि दे देते हैं, पर दवा महंगी होने के कारण , उसकी पूरी खुराक नहीं
लेते। एनपीपीए द्वारा दवाओं की कीमत करने से  सामान्य और गंभीर बीमारी के
मरीज दवा की पूरी खुराक ले सकेंगे। सुमंत तिवारी, ड्रग इंस्पेक्टर

 

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