अमेरिका की एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत वैज्ञानिक अनुसंधान
और वैश्विक विकास के क्षेत्र में अमेरिका और चीन से काफी पीछे है। रिपोर्ट
के मुताबिक अमेरिका इस मामले में भारत से काफी आगे है तो चीन में अनुसंधान
और विकास के क्षेत्र में खर्च में सबसे तेजी से इजाफा हो रहा है।
वैश्विक तौर पर अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में वर्ष 2011 में कुल
प्रदर्शन (खर्च के रूप में मापित) 1,435 अरब डॉलर अनुमानित किया गया है, जो
उपलब्ध ताजा कुल वैश्विक अनुमानित राशि है। नेशनल साइंस बोर्ड (राष्ट्रीय
विज्ञान बोर्ड) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2001 में यह
अनुमानित राशि 753 अरब डॉलर थी, जिसमें एक दशक में प्रतिवर्ष औसतन 6.7
प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में वर्ष 2010 में अमेरिकी खर्च 407 अरब डॉलर
था तो वर्ष 2011 में यह 424 अरब डॉलर था। जो वर्ष 2011 के कुल अनुमानित
वैश्विक खर्च का 30 प्रतिशत हिस्सा था और इस तरह से अमेरिका ने शोध और
विकास के क्षेत्र में विश्व के सबसे ज्यादा खर्च करने वाले देश के रूप में
अपना स्थान कायम रखा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अन्य देशों ने भी अनुसंधान और विकास में अपने खर्च को
बढ़ाया है। अमेरिका का योगदान वर्ष 2001 से कम हुआ है जो उस वक्त 37
प्रतिशत था। हालांकि इस दौरान चीन ने अनुसंधान और विकास में लगातार वृद्धि
जारी रखी है। वर्ष 2011 में 208 अरब डॉलर खर्च के साथ चीन अनुसंधान और
विकास पर खर्च करने वाला विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश बना रहा।