गेहूं बिक्री बढ़ाने पर जोर देगी सरकार – आर एस राणा

अगली समीक्षा बैठक में निर्यात और अगले सीजन की खरीद पर भी विचार होगा

सरकार केंद्रीय पूल से गेहूं की बिक्री, निर्यात और रबी विपणन सीजन
2014-15 में गेहूं की सरकारी खरीद की समीक्षा के लिए बैठक आयोजित करेगी। 30
जनवरी को होने वाली बैठक की अध्यक्षता खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय
के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रो. के वी थॉमस करेंगे।

खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि खुले
बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल से गेहूं की बिक्री
बढ़ाने के साथ ही सार्वजनिक कंपनियों द्वारा किए जा रहे निर्यात सौदों की
समीक्षा की जायेगी। केंद्र सरकार ने ओएमएसएस के तहत बिक्री के लिए 95 लाख
टन गेहूं का आवंटन किया था, जिसमें से ओएमएसएस के तहत अभी तक केवल 38.35
लाख टन गेहूं की ही बिक्री हो पाई है।

वर्तमान में हो रही बिक्री के आधार पर 31 मार्च 2014 तक ओएमएसएस के तहत
केवल 52-55 लाख टन गेहूं की ही बिक्री होने का अनुमान है। इसी तरह से
सार्वजनिक कंपनियों के माध्यम से केंद्र सरकार ने 20 लाख टन गेहूं निर्यात
की अनुमति दी हुई है, जिसमें से अभी तक केवल 10 लाख टन गेहूं के निर्यात
सौदे ही हो पाए है जबकि अभी तक 5 लाख टन गेहूं के निर्यात की शिपमेंट हुई
है।

उन्होंने बताया कि अप्रैल से शुरू होने वाले रबी विपणन सीजन 2014-15 में
गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की समीक्षा भी बैठक में
की जायेगी। खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने के बाद केंद्रीय पूल में अधिक
खाद्यान्न की जरूरत होगी। चालू रबी में गेहूं बुवाई में हुई बढ़ोतरी से
पैदावार बढऩे का अनुमान है तथा केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2014-15 के
लिए गेहूं का एमएसपी 1,400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।

ऐसे में गेहूं की सरकारी खरीद विपणन सीजन 2013-14 के 381.48 लाख टन
गेहूं से ज्यादा ही होने का अनुमान है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय
समिति (सीसीईए) ने 8 अगस्त 2013 को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों
से 20 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दी गई थी।

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