दुनिया के 25 करोड बच्चे अच्छे शिक्षकों के अभाव में स्कूली शिक्षा के
दौरान बुनियादी चीजें भी नहीं सीख पा रहे हैं, जिससे हर साल करीब 129 अरब
डालर का पूरे विश्व में नुकसान हो रहा है।
इनमें करीब 13 अरब डॉलर का नुकसान हर साल प्राथमिक शिक्षामें खराब गुणवत्ता
के कारण हो रहा है और बच्चों कुछ भी सीख नहीं पा रहे हैं। यूनेस्को द्वारा
आज जारी विश्वव्यापी शिक्षा निगरानी रिपोर्ट से इस बात की जानकारी मिली
है। रिपोर्ट के अनुसार 37 देश प्राथमिक शिक्षा पर खर्च की जा रही कम से कम
आधी राशि बरबाद कर रहे हैं, क्योंकि बच्चे सीख नहीं पा रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा की खराब गुणवत्ता के कारण गरीब मुल्कों में चार
में से एक बच्चा अपनी किताब का एक वाक्य भी पढ नहीं पाता है। रिपोर्ट में
कहा गया है कि अच्छे शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षा का स्तर यहां तक
पहुंचा है।
सभी के लिए शिक्षा की गुणवत्ता पर जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण
एवं पश्चिम एशिया में प्राथमिक स्कूलों के करीब 33 प्रतिशत छात्र ही अपने
पाठ्यक्रम की बुनियादी चीजें सीख पाते हैं, जबकि पाकिस्तान में तो यह
प्रतिशत 30 से भी कम है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर शिक्षा की गुणवत्ता का हाल यहीरहा तो
विकासशील देशों की गरीब युवतियां 2072 तक साक्षर हो पाएंगी। रिपोर्ट में
कहा गया है कि यदि शिक्षा के पेशे को आकर्षक नहीं बनाया गया और पर्याप्त
संख्या में शिक्षकों को प्रशिक्षित नहीं किया गया, तो शिक्षा की यह समस्या
कई पीढ़ियों तक बनी रहेगी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2011 से 2015 तक दक्षिण एवं पश्चिम
एशिया को निम्न माध्यमिक शिक्षा के प्रति शिक्षक 32 बच्चों का अनुपात पाने
के लिए 10 लाख अतिरिक्त शिक्षकों की भर्ती की जरुरत होगी। इसके अलावा इन
शिक्षकों को प्रशिक्षण की भी जरुरत होगी। पूरी दुनिया में करीब 52 लाख
शिक्षकों को भर्ती करना होगा।
रिपोर्ट के अनुसार अगर सभी के लिए एक समान बेहतर शिक्षा सुनिश्चित की जाए,
तो किसी देश का प्रति व्यक्ति घरेलू उत्पाद 40 वर्षों में 23 प्रतिशत तक बढ
सकता है।