जमशेदपुर: झारखंड में अगर सबकुछ ठीक रहा और कंपनियां
अपनी पूर्व गति के अनुरूप चलींऔर निवेश धरातल पर उतरे तो राज्य में वर्ष
2015 तक 1.50 लाख रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे.
इसके लिए राज्य में करीब 60 हजार से अधिक स्किल्ड कर्मचारियों की जरूरत
होगी, जिसमें इंजीनियर, डिप्लोमा होल्डर व आइटीआइ पास टेक्नीशियन शामिल
हैं. यह बातें सामने आयी हैं भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) द्वारा कराये
गये सर्वे में. सीआइआइ ने कंसल्टेंसी कंपनी प्राइस वाटर हाउस कूपर्स
(पीडब्ल्यूसी) के माध्यम से यह सर्वे कराया है, जिसकी रिपोर्ट झारखंड सरकार
के उद्योग विभाग को भी प्रेषित की गयी है. इसमें सरकार को कई सुझाव भी
सीआइआइ की ओर से दिये गये हैं कि किस तरह रोजगार के अवसर को आगे ले जाना
है.
दूसरे राज्यों से लाये जा रहे स्किल्ड मैनपावर : स्किल्ड मैनपावर की कमी
के कारण दूसरे राज्यों से मैनपावर लाये जाते रहे हैं. सीआइआइ ने अपनी
रिपोर्ट में बताया है कि राज्य में नन एक्जीक्यूटिव पदों के लिए तो राज्य
से बहाली हुई है, लेकिन जो एक्जीक्यूटिव पोस्ट है या इंजीनियरों की बहाली
हुई है, वह पश्चिम बंगला, ओड़िशा, बंगाल और छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों से
की गयी है. यही स्थिति अभी भी बरकरार है. संभावना जतायी गयी है कि अगर
स्किल्ड मैनपावर तैयार नहीं हुआ तो यहां के युवा और बेरोजगार रोजगार के
अवसर खो देंगे.