बंगाल की जूट मिलों पर बंदी का खतरा

कोलकाता: सरकारी खाद्य खरीद एजेंसियों से ऑर्डर की कमी के चलते अनेक जूट
मिलों के बंदी के कगार पर पहुंच जाने के कारण जूट उद्योग संकट के दौर से
गुजर रहा है. पांच जूट मिलें पहले ही बंद हो चुकी हैं, जबकि अन्य में
उत्पादन में भारी कटौती की गयी है.
इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन के सचिव एसपी बख्शी ने कहा है कि पहले ही
50,000 कर्मचारी बेरोजगार हो गये हैं और अगर यही स्थिति जारी रही, तो बड़े
पैमाने पर जूट मिलें बंद होंगी. उन्होंने कहा कि सरकारी खाद्य खरीद
एजेंसियों को आपूर्ति के लिए कम ऑर्डर से यह स्थिति पैदा हुई है. श्री
बख्शी ने कहा कि 50 किलोग्राम बीटी जूट बैग का सप्लाई ऑर्डर नहीं मिल रहा
है. फरवरी से अप्रैल 2014 के दौरान जूट उद्योग की क्षमता 3 लाख बेल की है,
जबकि सरकार ने इन तीन माह के लिए 1.91 लाख बेल की आवश्यकता का आकलन किया
है.

बीटी विल के ऑर्डर की स्थित इतनी खराब पहले कभी भी नहीं थी. उन्होंने कहा
कि इस स्थिति के कारण पहले ही पांच जूट मिलें बंद हो चुकी हैं. सभी जूट
मिलों द्वारा उत्पादन में कटौती शुरू कर दी गयी है. लगभग 50 हजार श्रमिक
बेरोजगार हो चुके हैं. यदि यही स्थिति रही, तो बड़ी संख्या में जूट मिलें
बंद होंगी. 32 लाख बेल की जरूरत की जगह स्टैंडिंग एडवाइजरी कमेटी की बैठक
में जूट आयोग की ओर से इस वित्तीय वर्ष में 23 लाख बेल की जरूरत पेश की जा
रही है. जूट उद्योग से तीन लाख श्रमिक तथा 40 लाख जूट किसान जुड़े हुए हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *