नई फसल के गेहूं निर्यात सौदे कम भाव पर

270 डॉलर प्रति टन पर सौदे हो रहे हैं अप्रैल-मई डिलीवरी गेहूं के
281.30 डॉलर प्रति टन तक का उच्च मूल्य मिला मौजूदा निर्यात में

रबी गेहूं की नई फसल के निर्यात सौदे अप्रैल-मई डिलीवरी 270 डॉलर
प्रति टन की दर से हुए हैं। नई फसल के गेहूं का निर्यात भाव मौजूदा मूल्य
से कम है। सार्वजनिक कंपनियों द्वारा इस समय निर्यात सौदे 277.50 से 281.30
डॉलर प्रति टन पर किए जा रहे हैं। प्राइवेट निर्यातक कंपनियों ने गुजरात
रीजन की नई फसल के 25,000 टन गेहूं के निर्यात सौदे बांग्लादेश के लिए किए
हैं।

गेहूं की निर्यातक कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गेहूं की नई
फसल के अप्रैल-मई डिलीवरी के निर्यात सौदे 270 डॉलर प्रति टन की दर से किए
हैं। गुजरात में चालू रबी में गेहूं की पैदावार 30 से 40 फीसदी ज्यादा होने
का अनुमान है तथा केंद्र सरकार ने गेहूं की नई फसल का न्यूनतम समर्थन
मूल्य (एमएसपी) 1,400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। ऐसे में निर्यातक
गुजरात की मंडियों से 1,400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीद
करते हैं तो बंदरगाह पहुंच भाव 1,475-1,500 रुपये प्रति क्विंटल होगा।

एम सन्स इंटरनेशनल लिमिटेड के सहायक टी पी एस नारंग ने बताया कि विश्व
बाजार में गेहूं के दाम जून-जुलाई में काला सागर क्षेत्र के देशों की आने
वाली नई फसल के आधार पर तय होंगी। इन देशों में गेहूं की पैदावार अच्छी रही
तो विश्व बाजार में दाम गिरेंगे। लेकिन अगर किसी वजह से फसल प्रभावित हुई
तो गेहूं के दाम बढ़ सकते हैं। इस क्षेत्र के देशों के पास इस समय गेहूं का
स्टॉक नहीं है तथा ऑस्ट्रेलिया के गेहूं की बिकवाली 275-280 डॉलर प्रति टन
(एफओबी) की दर हो रही है।

कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में गेहूं की बुवाई बढ़कर 311.86 लाख
हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि 291.27 लाख हैक्टेयर
में हुई थी। सरकार के अनुसार चालू रबी में गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार होने
का अनुमान है। वर्ष 2011-12 में देश में गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार 948.8
लाख टन की हुई थी। हालांकि वर्ष 2012-13 में गेहूं की पैदावार 924.6 लाख टन
की हुई है।

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