नई दिल्ली। ओड़िशा में अवैध खनन पर न्यायमूर्ति एमबी शाह आयोग की रिपोर्ट में अवैध तरीके से लौह और मैंगनीज अयस्क निकालने के मामले में खनन कंपनियों से करीब 60 हजार करोड़ रुपए की वसूली की सिफारिश की गई है।
शाह आयोग ने अपनी रिपोर्ट में लौह और मैंगनीज अयस्कों के अवैध खनन मामले में केंद्र और ओड़िशा सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराया है और राज्य सरकार से दोषी कंपनियों से 59203 करोड़ रुपए वसूलने को कहा है। आयोग ने कहा है कि राज्य में हर तरीके से अवैध खनन जारी है और ऐसा लगता है कि कानून असहाय हो गया है।
रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि बरामद रकम का उपयोग राज्य के दो जिलों- क्योंझर और सुंदरगढ़ के विकास में किया जाए जो अवैध खनन से सर्वाधिक प्रभावित हैं।
आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि राज्य में पर्यावरण और वन कानून, नियमों और अधिसूचनाओं का बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में लौह और
मैंगनीज खनन के लिए कुल 192 खनन पट्टों में से 130 मामले में यह पाया गया कि वहां खनिजों का उत्पादन पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआइए) अधिसूचना 1994 और 2006 का उल्लंघन कर गैर-कानूनी तरीके से किया जा रहा है। साथ ही यह भी पाया गया कि 94 खदानों में बिना पर्यावरण मंजूरी के काम हो रहा है, जबकि 96 ने देरी से पर्यावरण मंजूरी हासिल की।
खनन कंपनियों ने ईसी नियमों का उल्लंघन कर गलत तरीके से 45453 करोड़ रुपए मूल्य का लौह अयस्क व 3089 करोड़ रुपए के मैंगनीज अयस्क निकाले।
आयोग ने लौह अयस्क निर्यातकों द्वारा माल भाड़े में चोरी का भी पता लगाया है। निर्यातकों ने गलत उत्पाद शुल्क प्रमाणपत्र दिखा कर अयस्क को घरेलू क्षेत्र में ले जाने के तहत ले गए। आयोग ने रेलवे को मामले की जांच सीबीआइ से कराने की सिफारिश की है। साथ ही केंद्रीय खान मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है और कहा है कि ओड़िशा में अवैध खनन जारी है और इससे जुड़े लोग खासा मुनाफा कमा रहे हैं।