613 गांवों को मिलेगा पीने का शुद्ध पानी

पटना: नौ जिलों के 613 गांवों में रहनेवाले लोगों को
इस वर्ष शुद्ध पेयजल मिलेगा. केंद्र की राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल आपूर्ति
योजना के तहत सभी गांवों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होगी. बिहार सरकार के
स्तर पर सिर्फ मधुबनी जिले की छह ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं को संस्टेबल
बनाने का काम होगा.

इस पर 89.90 लाख रुपये खर्च होंगे. मधुबनी में जलापूर्ति योजना का काम
बिहार राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन के तहत कराया जायेगा. इसकी फंडिंग भी इसी
मिशन के प्रोग्राम से होगी.

विद्युत पंपों से होगी जलापूर्ति
शुद्ध पेयजल संकट ङोल रहे सुपौल के 72 गांवों में मिनी पाइप लाइन से शुद्ध
पेयजल की सप्लाई होगी. जलापूर्ति विद्युत पंपों से की जायेगी और यह निर्बाध
बिजली आपूर्ति से ही संभव हो सकेगी. जहानाबाद के नेबारी गांव की जजर्र हो
चुकी ग्रामीण पाइप लाइन जलापूर्ति योजना का पुनर्गठन होगा. इस पर 1. 44 लाख
रुपये खर्च होंगे. कैमूर, जमुई और सारण के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को
पाइप लाइन से नहीं, बल्कि संस्टेबल चापाकलों से शुद्ध जल की आपूर्ति होगी.
तीनों जिलों के गांवों में इंडिया मार्का-टू के चापाकल लगाये जायेंगे.
इसमें भू-गर्भ जल को शुद्ध करने का यंत्र भी लगा होगा.

पुनर्गठन पर खर्च होंगे 14.63 लाख   : बिजली सप्लाई की
जजर्र व्यवस्था के कारण सीतामढ़ी के गांवों में पाइप लाइन से जलापूर्ति ठप
है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने इस जिले में वैकल्पिक ऊर्जा से सोलर
पंपों को चलाने का निर्णय लिया है. सिर्फ मधुबनी के पश्चिमी मधेपुर गांव
में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग अपने फंड से ग्रामीण जलापूर्ति योजना पर
काम करेगा. इस योजना के पुनर्गठन पर 14.63 लाख रुपये खर्च होंगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *