निर्यात मांग
कमजोर होने से किसानों को मजबूरन मक्का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से
210-260 रुपये प्रति क्विंटल नीचे भाव पर बेचनी पड़ रही है। उत्पादक
मंडियों में मक्का के दाम घटकर 1,050 से 1,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए
है जबकि केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2013-14 के लिए मक्का का
एमएसपी 1,310 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
अमेरिकी कृषि विभाग में भारत में प्रतिनिधि अमित सचदेव ने बताया कि
अमेरिका में मक्का का स्टॉक ज्यादा है, जिसकी वजह से विश्व बाजार में मक्का
के दाम नीचे बने हुए हैं। इस समय भारत से निर्यात सौदे सीमित मात्रा में
ही हो रहे हैं। अक्टूबर से शुरू हुए चालू सीजन में अभी तक केवल 7-8 लाख टन
मक्का के निर्यात सौदे ही हुए हैं जबकि पिछले साल की समान अवधि में 15-16
लाख टन के निर्यात हुए थे।
फसल वर्ष 2012-13 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान करीब 38 लाख टन मक्का का
निर्यात हुआ था जबकि चालू सीजन में निर्यात करीब 34 फीसदी घटकर 25 लाख टन
ही होने का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि ब्राजील और अर्जेंटीना में नई मक्का की आवक
मार्च-अप्रैल में बनेगी तथा विश्व बाजार में कुल उपलब्धता ज्यादा है जिससे
सप्लाई सुगम रहेगी।
ऐसे में आगामी दिनों में निर्यात सौदों में तेजी आने की संभावना नहीं
है। बी एम इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर एम एल अग्रवाल ने बताया कि विश्व बाजार
में मक्का के दाम 212-218 डॉलर प्रति टन है। मक्का में निर्यात मांग तो
कमजोर है ही, पोल्ट्री और स्टॉर्च मिलें भी जरूरत के हिसाब से खरीद कर रहे
हैं।
इसीलिए मक्का की कीमतों में महीने भर में ही करीब 150 से 200 रुपये
प्रति क्विंटल का मंदा आ चुका है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की
मंडियों में मक्का के दाम घटकर 1,050 से 1,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए
हैं। महाराष्ट्र से राजपुरा (पंजाब) पहुंच मक्का के सौदे 1,370 रुपये प्रति
क्विंटल में हो रहे हैं।
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू खरीफ में मक्का की
रिकॉर्ड पैदावार 177.8 लाख टन होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2012-13 में
160.4 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
एनसीडीईएक्स पर जनवरी महीने के वायदा अनुबंध में चालू महीने में मक्का
की कीमतों में 6 फीसदी की गिरावट आई है। दो दिसंबर को जनवरी महीने के वायदा
अनुबंध में इसका भाव 1,267 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि 31 दिसंबर को
भाव घटकर 1,190 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।