जमीन की खरीद पर कोई पाबंदी नहीं

जयराम रमेश ने कहा
नया भूमि अधिग्रहण एक्ट केवल उसी जमीन पर लागू होगा जिसे केंद्र अथवा राज्य सरकार किसी सार्वजनिक उद्देश्य के लिए खरीदेगी
निजी निवेशकों के प्रोजेक्टों के लिए किसी भी जमीन का अधिग्रहण अब से नहीं करेगी सरकार

नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम के प्रभावी होने के साथ ही संशय दूर

नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम के बुधवार से प्रभावी हो जाने के साथ ही
सरकार ने उद्योग जगत का संशय भी दूर कर दिया है। सरकार ने कहा है कि निजी
कंपनियों द्वारा प्राइवेट लैंड की खरीद किए जाने पर किसी भी तरह की पाबंदी
नहीं लगाई गई है।

ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने बुधवार को एक सवाल के जवाब में कहा,
‘क्या आप जमीन खरीदना चाहते हैं? जाइए और खरीद लीजिए जमीन।’ नव वर्ष की
पहली तारीख यानी 1 जनवरी से नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम के प्रभावी होने के
बाद जयराम से यह पूछा गया था कि आज के दिन आप उद्योग जगत को क्या संदेश
देना चाहेंगे? गौरतलब है कि नए भूमि अधिग्रहण कानून के प्रभावी हो जाने के
बाद निवेशक यह आशंका जता रहे थे कि अब औद्योगिक एवं ढांचागत विकास के लिए
जमीन खरीदना और ज्यादा महंगा पड़ेगा।

मालूम हो कि तकरीबन एक दशक पुराने भूमि अधिग्रहण अधिनियम का स्थान नए
कानून ने लिया है। जयराम ने बताया कि नया भूमि अधिग्रहण अधिनियम केवल उसी
जमीन पर लागू होगा जिसे केंद्र अथवा राज्य सरकार किसी सार्वजनिक उद्देश्य
को पूरा करने के लिए खरीदेगी।

इसके साथ ही उन्होंने यह साफ कर दिया कि निजी जमीन अथवा प्राइवेट लैंड
की खरीद पर कोई पाबंदी नहीं है। जयराम ने कहा कि उद्योग जगत अब सरकार
द्वारा भूमि अधिग्रहण किए जाने का इंतजार न करे और इसके बजाय जमीन खरीदने
के अवसर तलाशे। उन्होंने कहा, ‘1 जनवरी 2014 से किसी भी जमीन का अधिग्रहण
वर्ष 1894 के अधिनियम के तहत नहीं होगा।

मतलब यह कि किसी भी भूमि का अधिग्रहण अब से नए अधिनियम के तहत ही होगा।’
जयराम ने कहा कि पुराने एक्ट की आड़ में किसानों और अनुसूचित जनजातियों की
जमीन का जबरन अधिग्रहण करके उनके साथ होने वाले अन्याय को खत्म करने के
लिए ही नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम को अब से प्रभावी कर दिया गया है।

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