एमपी में बंपर गेहूं पैदावार के आसार

सर्दी और पानी के कारण रबी फसलों को फायदा

मध्य प्रदेश में खरीफ सीजन के दौरान हुई बारिश के कारण खेतों में
मौजूद नमी और वर्तमान में प्रदेश के एक बड़े हिस्से में मावठ की बारिश के
कारण फसलों को फायदा होता दिखाई दे रहा है। कृषि विशेषज्ञों और कृषि विभाग
के मुताबिक वर्तमान में चल रहा मौसम खासतौर पर गेहूं के लिए काफी मददगार
है। लेकिन सरसों को थोड़ा नुकसान हो सकता है।

प्रदेश में गेहूं के बंपर पैदावार की उम्मीद है इस बार गेहूं की पैदावार
160 लाख टन को भी छू सकती है। भारी बारिश या लगातार ज्यादा ठंड से ही
फसलों में मामूली नुकसान संभव है। इस संबंध में बात करते हुए कृषि विभाग के
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में वर्तमान में मौसम फसलों के
अनुकूल है।

जिस समय बारिश की आवश्यकता थी उसी दौरान यह हुई है। बारिश होने के कारण
पाला का खतरा भी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बार रबी सीजन के दौरान प्रदेश
में 113 लाख हैक्टेयर से भी अधिक क्षेत्र में बुआई हुई है।

जिसमें से सर्वाधिक गेहूं का रकबा करीब 58 लाख हैक्टेयर क्षेत्र का है।
जबकि चना में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है और इसका रकबा 35.25 लाख
हैक्टेयर क्षेत्र होने का अनुमान है। जबकि सरसों का रकबा 7.8 लाख से आठ लाख
हैक्टेयर रहने का अनुमान है। इस मौसम का सर्वाधिक फायदा अभी गेहूं की फसल
को मिलेगा। इस कारण गेहूं उत्पादन में मध्य प्रदेश इस बार पंजाब जैसे
राज्यों को पछाड़ सकता है और गेहूं उत्पादन 160 लाख टन के स्तर को भी छू
सकता है।

उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर मौसम अभी इंदौर और मालवा अंचल में
सर्वाधिक अनुकूल है। वहीं उज्जैन जिला के पालखंदा गांव के किसान जयवीर सिंह
झाला ने कहा कि दो दिन पूर्व बारिश हुई थी, अभी गेहूं और चना दोनों की फसल
को फायदा है लेकिन अगर तापमान और गिरता है तो चना को नुकसान हो सकता है।

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