हरियाणा में गर्भ में पल रहे भ्रूण का लिंग बदलने का दावा करके झोलाछाप डाक्टर मासूमों की जान से खेल रहे हैं।
राज्य
की मातृ और शिशु मृत्यु दर में इजाफे का यह एक बड़ा कारण है। हालात यह हैं
कि दाइयों और झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर में पड़ कर महिलाएं अपने होने
वाले बच्चों से हाथ धो रही हैं।
नीम हकीम भस्म और अन्य दवा देकर
मरीजों को झांसा दे रहे हैं। मरीजों को यह कहकर बरगलाया जा रहा है कि इन
दवाओं से जच्चा के गर्भ में पल रहा बच्चा लड़की से लड़का बन जाएगा।
दावा
यह भी किया जा रहा है कि गर्भधारण से पहले दवाएं खाने से लड़का पैदा होगा।
इस घटना के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को सरकार की ओर से राज्य भर
में छापे मारने के निर्देश दिए गए हैं।
दो दिनों में हरियाणा में करीब बीस जगह छापे मारे जा चुके हैं। जिसके बाद इन झोला छाप चिकित्सकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
करीब
आठ ऐसे मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। इन मामलों में कई
महिलाओं की संलिप्तता सामने आई है, जिनका पुराना रिकार्ड चेक किया जाएगा।
दवा देना अपराध्ा
पीसीपीएनडीटी
एक्ट के तहत किसी महिला को यह कर दवा देना कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे
का लिंग बदल जाएगा, यह अपराध है। गर्भधारण से पहले भी इस तरह अवधारणा बताकर
कोई दवा नहीं दी जा सकती है।
इस वर्ष दर्ज हुई एफआईआर:
जिला————–एफआईआर संख्या
फरीदाबाद———-23�� ��� ��� �
झज्जर————-21
मेवात————–30
गुड़गांव————-11
भिवानी————-04
रेवाड़ी—————21
कुरुक्षेत्र————-03
पानीपत————07