छाता कारखाना के श्रमिकों की बेहाल दशा

कोलकाता : राज्य में छाता कारखाना श्रमिकों की बदहाल दशा व पीएफ भुगतान
में गड़बड़ी के खिलाफ कोलकाता छाता कारखाना वेलफेयर यूनियन (एटक) ने
क्षेत्रीय पीएफ कार्यालय के घेराव की धमकी दी है.

महानगर में 47 छाता कारखाने हैं तथा इनमें लगभग 7000 श्रमिक स्थायी व
अस्थायी रूप से काम करते हैं. छाता मालिकों पर श्रमिकों के पीएफ भुगतान व
वेतनमान को लेकर लगातार आरोप लगते रहे हैं. कोलकाता छाता कारखाना वेलफेयर
यूनियन (एटक) के अध्यक्ष नवल किशोर श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि छाता
कारखाना के श्रमिकों के बकाये पीएफ का भुगतान नहीं किया जा रहा है और न ही
समय पर उन्हें पारिश्रमिक ही दिया जाता है.

श्रमिकों को बिना कारण बताये हटाने जैसी घटनाएं भी हुई हैं. इस संबंध
में एटक के महासचिव व सांसद गुरुदास दासगुप्ता ने केंद्रीय भविष्य निधि
आयुक्त के साथ-साथ क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त को पत्र लिखा है. इस संबंध
में त्वरित कदम उठाने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय 
भविष्य निधि कार्यालय व छाता मालिकों के बीच सांठगांठ है.

इसी कारण छाता श्रमिक पीएफ जैसी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं तथा
श्रमिकों को पीएफ जैसी सुविधाएं नहीं दी जा रही है. कोलकाता छाता कारखाना
वेलफेयर यूनियन (एटक) के महासचिव अरुप मंडल ने बताया कि यदि पीएफ की
गड़बड़ी के संबंध में क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय कोई कदम नहीं उठाता
है, तो भविष्य निधि कार्यालय की निष्क्रियता के खिलाफ उनका संगठन साल्टलेक
स्थित भविष्य निधि कार्यालय का घेराव करेगा.

वे लोग फरवरी माह तक इंतजार करेंगे, यदि उन लोगों को लेकर कोई फैसला नहीं किया जाता है, तो वे लोग आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

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