नई दिल्ली। मानवाधिकारों से जुड़े
सिद्धांतों और मूल्यों के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए आज राज्यसभा में
सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि सम्मानपूर्वक जीवन जीने का हक सभी को है और
हर हाल में मानवाधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।
सदन की बैठक शुरू होने पर अंसारी ने आज अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस
के मौके पर कहा कि 10 दिसंबर 1948 को ही मानवाधिकारों के सार्वभौमिक
घोषणापत्र को अंगीकार किया गया था जो मूलभूत मानवाधिकारों की सार्वभौमिक
रक्षा की मांग करता है।
सभापति ने कहा कि वर्ष 1993 में वियना में मानवाधिकारों पर हुए विश्व
सम्मेलन में ‘‘वियना डिक्लेरेशन एंड प्रोग्राम ऑफ एक्शन’’ को मंजूरी दी गई
थी और आज इसके पूरे 20 साल हो गए हैं। उन्होंने कहा ‘‘इस मौके पर संयुक्त
राष्ट्र ने इस साल के लिए थीम ‘आपके अधिकारों के लिए काम करते हुए 20 साल’
घोषित की है।’’
अंसारी ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर हम सभी
मानवाधिकारों से जुड़े सिद्धांतों और मूल्यों के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताते
हैं।
(भाषा)