देश के 361 वेयरहाउस जारी कर सकेंगे नेगोशिएबल रसीद

ट्रेडर्स और
किसान अब 361 वेयर हाउसों में जिंसों का भंडारण करके नेगोशिएबल वेयरहाउस
रसीद (एनडब्ल्यूआर) प्राप्त कर सकेंगे। भंडारण विकास एवं नियामक प्राधिकरण
(डब्ल्यूडीआरए) देशभर में 361 वेयर हाउसों को मान्यता दे चुका है, जिनकी
लगभग 15.50 लाख टन खाद्यान्न की कुल भंडारण क्षमता है। ट्रेडर्स और किसानों
के फायदे के लिए डब्ल्यूडीआरए अब प्राइमरी सहकारी संस्थाओं के गोदामों को
भी मान्यता दे रहा है। इन रसीदों के आधार पर बैंकों से कर्ज मिल सकता है।

डब्ल्यूडीआरए के टेक्निकल डायरेक्टर डॉ. एन के अरोड़ा ने बिजनेस भास्कर
को बताया कि देशभर में 361 वेयर हाउसों को नेगोशिएबल रसीद देने के लिए
मान्यता दी जा चुकी है जिनमें सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु,
राजस्थान और मध्य प्रदेश में हैं। डब्ल्यूडीआरए के पास देशभर से 518 आवेदन
अभी तक मिले हैं, जिनकी खाद्यान्न भंडारण क्षमता करीब 23.23 लाख टन है।

इनमें 361 वेयर हाउसों को मान्यता दी जा चुकी है, जिनकी भंडारण क्षमता
करीब 15.50 लाख टन है। किसानों को वेयर हाउस रसीद से 7 फीसदी की दर से
बैंकों से आसानी से ऋण मिल सकता है। समय पर कर्ज अदायगी करने वाले किसानों
को 3 फीसदी की छूट का लाभ भी मिल सकता है।

उन्होंने बताया कि एनडब्ल्यूआर देने के लिए सबसे ज्यादा गोदामों को
मान्यता आंध्र प्रदेश में दी गई है। वहां 76 वेयरहाउसों को मान्यता दी जा
चुकी है। इसके अलावा तमिलनाडु में 62 वेयरहाउस, राजस्थान में 52 वेयरहाउस,
मध्य प्रदेश में 39, महाराष्ट्र में 36, उत्तर प्रदेश में 25, हरियाणा में
15, पंजाब में 13 और कर्नाटक में 15 तथा गुजरात में 9 वेयर हाउसों को
मान्यता दी गई है।

उन्होंने बताया कि गांव स्तर पर किसानों और ट्रेडर्स को लाभ पहुंचाने के
लिए डब्ल्यूडीआरए प्राइमरी सहकारी संस्थाओं के गोदामों को भी रसीद देने के
लिए मान्यता दे रहा है।

ट्रेडर्स और किसान मान्यता प्राप्त वेयर हाउसों में खाद्यान्न का स्टॉक
करके उसके बदले रसीद से लाभान्वित हो रहे हैं। डब्ल्यूडीआरए ने 115 एग्री
जिंसों को वेयरहाउस में रखने की अनुमति दी हुई है। इसके अलावा 26 बागवानी
फसलों का भी कोल्ड स्टोर में रखने के लिए चयन किया है।

वेयरहाउस से मिली रसीद से ट्रेडर्स और किसान बैंकों से आसानी से ऋण ले
रहे हैं तथा जरूरत के समय जिंस के बजाए एनडब्ल्यूआर को ही सीधे ही खरीददार
को बेच भी सकते हैं। किसानों और ट्रेडर्स में जागरूकता अभियान चलाने के लिए
डब्ल्यूडीआरए गांव स्तर पर भी अभियान चला रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम
भी सामने आ रहे हैं।

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