नई दिल्ली – बैंक लाइसेंस पाने की उम्मीद कर रहे
कॉरपोरेट घरानों के लिए चिंताजनक खबर है। एक संसदीय समिति ने सोमवार को
सुझाव दिया कि कॉरपोरेट घरानों को बैंक लाइसेंस देने से आरबीआई को परहेज
करना चाहिए।
संसदीय समिति का कहना है कि बैंकिंग बिजनेस में आम जनता का व्यापक धन
लगा हुआ है। ऐसे में इस व्यवसाय से जुडऩे वाला निकाय इस तरह के धन से लाभ
उठाने की गैर वाजिब कोशिश कर सकता है।
वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने
आरबीआई से गत 22 फरवरी को जारी गाइडलाइंस की समीक्षा करने को भी कहा है। इन
गाइडलाइंस का वास्ता ‘प्राइवेट सेक्टर में नए बैंकों की लाइसेंसिंग’ से
है।
वित्त पर गठित स्थायी संसदीय समिति का कहना है कि बैंकिंग और उद्योग को
एक-दूसरे से अलग रखा जाना चाहिए। समिति का कहना है कि बैंकिंग बिजनेस का
वास्ता पब्लिक मनी के साथ-साथ जनकल्याण से भी है। (प्रेट्र)